Wednesday, December 17, 2025
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देहरादून: टपकेश्वर महादेव के शिवलिंग पर फिर स्थापित हुए चांदी के नाग, ढाई महीने बाद लौटी सदियों पुरानी धरोहर

देहरादून।
देहरादून के ऐतिहासिक और आस्था के प्रमुख केंद्र टपकेश्वर महादेव मंदिर में मंगलवार रात एक बार फिर धार्मिक उल्लास देखने को मिला, जब शिवलिंग पर सदियों से विराजमान चांदी के नाग को उसके मूल स्थान पर विधि-विधान के साथ पुनः स्थापित किया गया। करीब ढाई महीने पहले हुई चोरी की इस घटना ने श्रद्धालुओं की भावनाओं को आहत किया था, लेकिन अब चांदी के नाग की वापसी से मंदिर परिसर में खुशी का माहौल है।

मंदिर से चांदी के नाग की चोरी की घटना को अमर उजाला ने सबसे पहले प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था और चांदी का नाग भी बरामद कर लिया गया था। हालांकि, कानूनी प्रक्रिया पूरी होने तक यह धरोहर पुलिस मालखाने में सुरक्षित रखी गई थी।

न्यायालय से आदेश मिलने के बाद लगभग 200 ग्राम वजनी चांदी के नाग को मंदिर प्रशासन को सौंपा गया। टपकेश्वर महादेव सेवादल (रजिं.) के कार्यकारिणी सदस्य अनुभव अग्रवाल ने बताया कि कोर्ट के निर्देश पर देर शाम थाने से नाग को लाया गया और पूरे विधि-विधान व मंत्रोच्चार के साथ भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर पुनः स्थापित किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

आस्था का प्रमुख केंद्र

टपकेश्वर महादेव मंदिर न केवल देहरादून बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। मंदिर का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ माना जाता है। यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है, जिसे द्रोण गुफा के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि कौरवों और पांडवों के गुरु द्रोणाचार्य ने इसी स्थान पर तपस्या की थी।

टपकेश्वर नाम की पौराणिक मान्यता

पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्रोणाचार्य के पुत्र अश्वत्थामा की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने गुफा की छत से दूध की धारा प्रवाहित की थी। इसी कारण इस शिवलिंग को पहले ‘दूधेश्वर महादेव’ कहा जाता था। बाद में कलियुग में दूध की धारा जल में परिवर्तित हो गई, जो आज भी चट्टान से बूंद-बूंद होकर शिवलिंग पर टपकती है। इसी विशेषता के कारण यह स्थान टपकेश्वर महादेव के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

चांदी के नाग की पुनः स्थापना के साथ ही मंदिर में एक बार फिर धार्मिक परंपरा और आस्था का वैभव लौट आया है।

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