रुद्रपुर। कुमाऊं फोरेंसिक लैब के संयुक्त निदेशक डॉ. दयाल शरण शर्मा ने ट्रांजिट कैंप की घटना की वजह रेगुलेटर लगाने में लापरवाही बताया है। उन्होंने कहा कि घटनास्थल से कोई भी विस्फोटक सामग्री नहीं बरामद हुई है। फोरेंसिक लैब व अग्निशमन विभाग की टीम ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच की और सैंपल एकत्र किए। घटना में सिलिंडर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है।
बृहस्पतिवार को ट्रांजिट कैंप में धमाका होने से तीन घर क्षतिग्रस्त हुए और छह लोग गंभीर रूप से घायल हुए। शुक्रवार को घटनास्थल पर फोरेंसिक व अग्निशमन टीम ने जांच की। मुख्य अग्निशमन अधिकारी वंश बहादुर यादव ने बताया कि सिलिंडर लगाते समय उसमेें रेगुलेटर ठीक से फिट नहीं हो सका। इस कारण गैस रिसाव हुआ और सर्दियों के दिन में किचन पूरी तरह बंद होने से वहां नौ फीसदी से अधिक मात्रा में एलपीजी गैस जमा हो गई। जब प्रेमनारायण की बेटी नीतू ने किचन के अंदर जाकर माचिस की तीली जलाई तो किचन में धमाका हो गया। फोरेसिंक टीम ने घटनास्थल से सैंपल भरा।
किचन के बाहर अंगीठी में आग ताप रहे थे लोग
रुद्रपुर। बृहस्पतिवार शाम को ट्रांजिट कैंप में प्रेम नारायण के घर में किचन के बाहर अंगीठी जल रही थी और वहां कुछ लोग आग ताप रहे थे। सीएफओ वंश बहादुर यादव का कहना है कि किचन में धमाके के बाद वहां जमा गैस बाहर अंगीठी के संपर्क में आई तो धमाका जोरदार हुआ और अंगीठी के पास बनी दीवार पड़ोसियों के घर में गिर गई।
दूसरे दिन भी लोगों में रही दहशत
रुद्रपुर। ट्रांजिट कैम्प में तीन घर क्षतिग्रस्त होने से दूसरे दिन भी घटनास्थल के पास लोगों की काफी भीड़ लगी रही है। लोग आपस में चर्चा करते रहे कि सिलिंडर नहीं फटा तो धमाका किसका था। अगर सिलिंडर फटता तो तबाही का मंजर और ज्यादा होता।
दो महीने पहले पति चल बसा, अब मकान की छत टूटी
रुद्रपुर। ट्रांजिट कैंप में सिलिंडर से हुए रिसाव के चलते लगी आग की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुए तीन मकानों में एक मकान गरीब कल्पना का भी था। दो महीने पहले पति को गंवाने के दर्द से कल्पना उबरी भी नहीं थी कि मकान की छत क्षतिग्रस्त होने के बाद उसकी मरम्मत की समस्या सामने आ गई है। फिलहाल बेरोजगार कल्पना की समझ नहीं आ रहा कि घर की दाल रोटी के लिए रुपये जुटाए या फिर घर की मरम्मत के लिए। हालांकि अभी वह बच्चों के साथ अस्पताल में भर्ती है। बीते बृहस्पतिवार को कृष्ण कॉलोनी, ट्रांजिट कैंप में श्रमिक प्रेम नारायण के घर में रसोई सिलिंडर से गैस रिसाव से हुए धमाके में एक दीवार गिर गई। दीवार की चपेट में आए पड़ोसी कल्पना के घर का टीनशेड ढह गया। टीनशेड ढहने से कल्पना और उसका बेटा दीपांकर व बेटी दीपिका बुरी तरह घायल हो गए थे। तीनों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। रुंधे गले से कल्पना ने बताया कि वह मूल रूप से कलकत्ता की रहने वाली है। उसका पति अमृत गुहा की बीमारी के चलते नवंबर में मृत्यु हो गई थी। अब वह बच्चों के साथ घर पर अकेली रहती है। अमृत दिहाड़ी करके घर को चलाता था। आर्थिक हालत इतनी खराब थी कि पड़ोसियों की मदद से पति का अंतिम संस्कार हो सका था। पति के गुजरने के बाद से आय के सारे जरिये बंद हो गए। उसका बड़ा बेटा कहीं बाहर नौकरी की तलाश में आया है। उसको चिंता है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद वह बच्चों को लेकर कड़ाके की ठंड में टूटे मकान में कैसे रहेगी।
वहीं दीवार गिरने से श्रमिक मदनलाल के घर का टीनशेड भी ढहा है। टीनशेड ढहने से मदनलाल की बेटी भी घायल हुई थी। मदन ने बताया कि वह दिहाड़ी कर के घर चलाता है। उसके घर में पत्नी और एक बेटा- बेटी है। उनका कहना है कि बेटी के घायल होने की वजह से वह काम पर भी नहीं जा पा रहा है। उधर घर भी क्षतिग्रस्त है और पुलिस ने उसे सील कर दिया है। उनका कहना है कि ऐसे हाल में वह कहां जाएंगे। शुक्रवार को घायलों का हाल जानने के लिए गदरपुर विधायक अरविंद पांडेय भी जिला अस्पताल पहुंचे थे। एसडीएम प्रत्यूष सिंह का कहना है कि दैवीय आपदा में मुआवजे का प्रावधान है लेकिन यह घटना दैवीय आपदा में नहीं आती है।
एलपीजी सिलिंडर में रेगुलेटर लगाने में बरती लापरवाही से हुआ हादसा
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