पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि वह अपने जीवन की एक बड़ी उलझन को सुलझाने जा रहे हैं। वह पहले पित्रों को याद करेंगे। इसके बाद भगवान बद्रीश से मार्गदर्शन युक्त आशीर्वाद मांगेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के साथ संघर्ष के बाद जिंदा वापस आने पर उन्होंने अपने मन में आगे के राजनीतिक जीवन के विषय में मनन किया। उनके मन ने कहा कि जितनी भी शक्ति व जीवन शेष है, राहुल गांधी को समर्पित करो। उनके मन ने कहा कि पार्टी के लिए दो काम कर सकते हो, एक चुनाव के समय प्रचार कर वोट मांगने का। दूसरा काम संगठनात्मक, लोगों को निरंतर पार्टी के साथ जोड़ने का।
पूर्व सीएम ने कहा कि राहुल गांधी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभालते हैं तो उनके साथ खड़े होकर संगठन में काम करने की उनकी स्वाभाविक इच्छा है। यदि वह अध्यक्ष पद नहीं संभालते हैं तो उसके बाद अपने आगे के राजनीतिक जीवन को लेकर एक बड़ा प्रश्न है? पूर्व सीएम ने कहा कि वह निरंतर काम करने वाले व्यक्ति हैं, पांव एक बार थम जाएंगे तो फिर उम्र हावी हो जाएगी। चुनौतियां बहुत बड़ी हैं। आगे की क्या रूपरेखा बनाऊं, इसके लिए भगवान बद्रीश से मार्गदर्शन युक्त आशीर्वाद मांगूंगा। बता दें, कि इन दिनों प्रदेश में भर्ती घोटालों को लेकर विपक्ष सरकार को घेरने में जुटा है। पूर्व सीएम हरीश रावत भी लगातार इस मुद्दे को उछाल रहे हैं।
भगवान बद्रीश के द्वार हरदा: जीवन की एक बड़ी उलझन सुलझाने जा रहे हैं हरीश रावत, राहुल गांधी से जुड़ा है कदम
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