उत्तराखंड में बिजली बिलों में 2.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी से यूपीसीएल प्रबंधन संतुष्ट नहीं है। प्रबंधन ने महंगाई के लिहाज से इन दरों को काफी कम बताया है। निगम के अफसर विद्युत नियामक आयोग के फैसले के अध्ययन में जुटे हैं। सरकार से अनुमति लेकर आयोग के फैसले पर अपील दायर करने की तैयारी की जा रही है। यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि निगम 60 प्रतिशत बिजली बाहर से खरीदता है। इस बार आम जनता को महंगी दरों पर बिजली खरीद कर सस्ते में उपलब्ध कराई गई है। बाजार में बिजली के रेट अधिकतम 20 रुपये प्रति यूनिट तक पहुंच गए हैं।
यह भी दलील : एमडी ने बताया कि स्टील के दाम 4400 रुपये प्रति कुंतल से बढ़कर 9700 रुपये प्रति कुंतल पहुंच गए हैं। स्टील का इस्तेमाल, पोल इत्यादि में किया जाता है। कर्मचारियों के वेतन, भत्तों में हर साल पांच प्रतिशत तक की वृद्धि हो रही है। इन तमाम हालातों के बीच भी बिजली की दरें बहुत कम बढ़ाई गई हैं। इससे यूपीसीएल को नुकसान होने के साथ ही आम जनता को बिजली उपलब्ध कराने में भी दिक्कत पेश आ सकती है। ऐसे में आयोग के फैसले का अध्ययन किया जा रहा है। इसके बाद अपील की अनुमति ली जाएगी।
उत्तराखंड में बिजली की दरें और बढ़ेंगी? जानिए यूपीसीएल क्या बना रहा है प्लान
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