बागेश्वर। हर बरसात में सरकारी परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचता है। अतिवृष्टि से भूस्खलन होना या इसका खतरा होना आम है लेकिन सरकारी महकमों की लापरवाही से भी सरकारी परिसंपत्तियों को नुकसान पहुंचता है। निकास नाली, स्क्रबर की व्यवस्था दुरुस्त न होने से सड़क क्षतिग्रस्त होती हैं। इसबार भी यही हुआ है।निकास नाली, स्क्रबर बंद रहने से बरसात में पानी सड़क पर जमा होता है। सड़कें क्षतिग्रस्त होती हैं। सरकारी महकमों के पास बहाना बरसात का हो जाता है। हालांकि कई सड़कों को बरसात में भूस्खलन से नुकसान पहुंचता है लेकिन निकास नाली और स्क्रबरों की दशा ठीक न होना सड़कों के नुकसान का कारण बनता है।जिले की क्षतिग्रस्त सड़कों की बात करें तो जिला मुख्यालय से गिरेछीना जाने वाली सड़क पर कई जगह निकास नालियां बंद पड़ी हैं। बारिश का पानी सड़क पर बहता है। इन दिनों इस सड़क पर चौड़ीकरण का काम चल रहा है, उससे सड़क की दशा और खराब हो गई है।
जिला मुख्यालय से दफौट जाने वाली सड़क हो या कांडा की ढालन-खुनौली सड़क पानी की निकासी की उचित व्यवस्था न होने का दंश झेल रही हैं। ढालन-खुनौली सड़क पर करीब छह महीने पहले डामरीकरण किया गया था। निकास नाली और सुरक्षा दीवार तक नहीं लगाई गई। कई स्क्रबर क्षतिग्रस्त पड़े हैं। निकास नाली न होने से सड़क कई स्थानों में धंस गई है। बारिश का पानी सड़क पर जमा होने से सड़क को बहुत नुकसान पहुंच रहा है। बागेश्वर की कनिष्ठ प्रमुख चांदनी टम्टा ने सड़क की दुर्दशा पर रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि डामरीकरण में करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी ढालन-खुनौली सड़क की दशा नहीं सुधर पाई। यह चिंता का विषय है। कपकोट लोनिवि डिवीजन के ईई एसके पांडेय का कहना है कि बरसात से डिवीजन की सड़कों को करीब आठ करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सड़कों की मरम्मत के लिए प्रस्ताव जिला प्रशासन और शासन को भेजा गया है।
महकमों की लापरवाही से भी बरसात में होता है नुकसान
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