बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पागलनाला भूस्खलन क्षेत्र से बचाव के लिए प्रस्तावित टनल बनाने के प्रयासों को झटका लगा है। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने जिस एजेंसी को टनल की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम दिया, उसने हाथ खड़े कर दिए। चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने प्रमुख सचिव लोनिवि को पत्र लिखकर डीपीआर गठन के लिए नई एजेंसी नियुक्त करने का अनुरोध किया है। डीएम ने अपने पत्र में कहा है कि लमेरी से हेलंग के मध्य भूस्खलन व सिकिंग जोन की डीपीआर बनाने का काम मैसर्स वीकेएस इन्फ्रा प्रा. लि. को सौंपा गया था।
यहां पहले एक पुल का निर्माण होना था। लेकिन उसकी लागत अप्रत्याशित रूप से बहुत अधिक होने के कारण पुल बनाने का प्रस्ताव रद कर दिया गया। मंत्रालय ने टनल निर्माण के विकल्प को देखते हुए एक स्वतंत्र ऑडिटर की तैनाती की। जिसने वहां टनल बनाने का सुझाव दिया। राष्ट्रीय राजमार्ग मुख्यालय ने क्षेत्र में काम कर रही मैसर्स एनकेजे इन्फ्रा प्राइवेट लिमिटेड को टनल निर्माण की डीपीआर बनाने का काम सौंपा। लेकिन डीपीआर परामर्शी ने 20 फरवरी को अनुबंध की शर्तों पर तकनीकी कारणों को बताते हुए टनल की डीपीआर गठित करने से इन्कार कर दिया। डीएम प्रमुख सचिव से टनल निर्माण के लिए नई डीपीआर परामर्शी के चयन के संबंध में निर्णय लेने का अनुरोध किया है।
बरसात में हाईवे जाम कर देता है पागलनाला
बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पागलनाला अकसर उफान पर आ जाता है। इससे हाईवे पूरी तरह से जाम हो जाता है। बदरीनाथ और हेमकुंड यात्रा इससे बहुत प्रभावित होती है। हाईवे के बीचोंबीच से गुजरकर यह कुछ दूरी पर अलकनंदा में मिल जाता है।
पागलनाला भूस्खलन क्षेत्र से बचाव के लिए में प्रस्तावित टनल बनाने के प्रयास को लगा झटका
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