Tuesday, November 11, 2025
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यूपी के समय से चले आ रहे नियम हटे, अब खेल संघों को भी देना होगा शुल्क

रुद्रपुर। उत्तरप्रदेश के जमाने के बने नियमों को अब उत्तराखंड सरकार ने हटा दिया है। प्रदेश के स्टेडियमों में खेल गतिविधियां कराने पर अब खेल संघों, भारत सरकार की ओर से आयोजित प्रतियोगिताएं और क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के लिए शुल्क लागू कर दिया है। खेल निदेशालय ने हाल ही में जिलों को इस संबंध में शासनादेश भेजा है। जिले में संचालित स्टेडियम और खेल मैदानों में इसे लागू करना शुरू कर दिया है। जिला क्रीड़ा अधिकारी अख्तर अली का कहना है कि शासनादेश के अनुसार खेल संघों से शुल्क लेने की व्यवस्था की गई है।
विभिन्न खेलों में जिला और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता पर चुकाने होंगे इतने रुपये
खेल – जिला स्तर राष्ट्रीय स्तर (राशि रुपये में)
हॉकी/फुटबाल मैदान – 1000 5000
क्रिकेट मैदान – 3000 – 10000
एथलेटिक्स – 3000 – 10000
कुश्ती/जूडो/ताइक्वांडो/कराटे – 2000 – 5000
वॉलीबाल कबड्डी/खो-खो/हैंडबाल – 1000 – 5000
बास्केटबाल कोर्ट – 2000 – 5000
बैडमिंटन – 2000 – 10000
टीटी – 1000 – 3000
वेटलिफ्टिंग हॉल – 3000 – 10000
बॉक्सिंग रिंग – 3000 – 8000
तरणताल – 5000 – 20000
मल्टीपरपज हॉल – 10000 -20000
सिविल सर्विसेज और राज्य सरकार की ओर से आयोजित प्रतियोगिताओं में छूट
रुद्रपुर। खेल निदेशालय की ओर से नवंबर में जारी शासनादेश के अनुसार स्टेडियम में सिर्फ सिविल सर्विसेज प्रतियोगिताएं, राज्य सरकार के विभागों की ओर से आयोजित होने वाली प्रतियोगिताएं निशुल्क की गई हैं। हालांकि इन्हें इनमें विद्युत, जलकर और सफाई का शुल्क चुकाना पड़ेगा। स्टेडियमों और उसमें बनें भवनों की मरम्मत के लिए खेल विभाग को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस वजह से नगर निगम और अन्य जगहों पर बने स्टेडियम के खेल मैदानों में विभिन्न खेलों के लिए शुल्क निर्धारित कर दिया है। अब खेल संघों को भी प्रतियोगिताओं के लिए शुल्क देना होगा। इसका शासनादेश जारी कर दिया है। – जितेंद्र कुमार सोनकर, निदेशक खेल
खेल विभाग और खेल संघों को समन्वयक बनाकर चलना पड़ेगा। तब जाकर प्रदेश में खेल गतिविधियां और खिलाड़ियों को बढ़ावा मिलेगा। उत्तरप्रदेश के जमाने से अब तक अधिकृत खेल संघों को स्टेडियम में प्रतियोगिताएं या ट्रायल कराने के लिए कोई शुल्क नहीं चुकाना पड़ता था। पुराना शासनादेश दोबारा लागू होना चाहिए। – डॉ. डीके सिंह, महासचिव, उत्तरांचल ओलंपिक एसोसिएशन

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