खटीमा। नगर से लगे आरक्षित वन क्षेत्र में चलने वाली लकड़ी की टालों का सत्यापन किया जा रहा है। इसके तहत गिल्टों की संख्या एवं उनकी लंबाई, मोटाई का विवरण जुटाया जा रहा है। डीएफओ संदीप कुमार के निर्देशन में सुरई एवं खटीमा रेंज की संयुक्त टीम ने शनिवार को चार टालों का सत्यापन किया। इस जुटी टीम को वन व्यवसायियों के विरोध का सामना करना पड़ा। वन व्यवसायी लगातार सत्यापन कार्य को उत्पीड़न बता रहे थे।
भौतिक सत्यापन के लिए निकली टीम को पीलीभीत रोड पर लकड़ी के टाल में वन व्यवसायियों का विरोध झेलना पड़ा। वन व्यवसायियों का कहना है कि बिक्री पर प्रतिबंध लगने के कारण वह अंत्येष्टि के लिए भी जरूरतमंदों को लकड़ी नहीं दे पा रहे हैं। वन निगम ने भी इसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है।इधर वन व्यवसायियों के विरोध के बाद भी खटीमा एवं सुरई रेंज की संयुक्त टीमों ने भौतिक सत्यापन किया। इस टीम ने टालों में रखे गिल्टों की संख्या, लंबाई, गोलाई रिकॉर्ड की। टीम में वन दरोगा भैरव सिंह बिष्ट, जागेश वर्मा, उत्तम सिंह राणा, प्रवेश सिंह राणा, रेखा, पूजा आदि रहे।
डीएफओ से मिलने हल्द्वानी गए लकड़ी व्यापारी
खटीमा। वन व्यवसायी संघ से जुड़े लकड़ी व्यापारी प्रभागीय वनाधिकारी से मिलने हल्द्वानी गए हैं। उनका आरोप है कि सत्यापन के नाम पर उनका शोषण किया जा रहा है। पिछले सप्ताह भौतिक सत्यापन के बाद रवन्ने के आधार पर लकड़ी की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे उनका कारोबार प्रभावित हो रहा है। वह सत्यापन में पूरा सहयोग कर रहे हैं लेकिन खरीद-फरोख्त पर रोक न लगाई जाए। डीएफओ से मिलने वालों में सुरेश जोशी, रवींद्र कापड़ी, मो.अकरम, दयाकिशन, हरीश तिवारी, तारिक, बलजीत सिंह आदि रहे।