Thursday, November 28, 2024
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भवन निर्माण में विज्ञान की उपयोगिता महत्वपूर्ण

केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशिष्ट वैज्ञानिक डॉ. अशोक ने कहा कि कोरोना संक्रमण ने भवन निर्माण की वैज्ञानिक प्रविधियों के उपयोग को प्रोत्साहित करने पर बल दिया है। बंद कमरों में संक्रमण के फैलने की दर अधिक होती है। इसलिए भवन निर्माण के समय हवा के आवागमन की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए।
यह बात उन्होंने शनिवार को गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में भारत सरकार के साप्ताहिक विज्ञान महोत्सव ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते आयोजन में कही। उन्होंने कहा कि एयर वेंटिलेशन की समुचित व्यवस्था से न केवल कोरोना संक्रमण बल्कि अन्य वायु द्वारा संक्रमित बीमारियों से बचा जा सकता है। डॉ. अशोक की शोध टीम ने सभागार में वैज्ञानिक उपकरणों के माध्यम से कार्बन डाई ऑक्साइड गैस का मापन किया था उसके आंकड़े प्रतिभागियों के साथ साझा किए गए। उन्होंने भवन निर्माण में विज्ञान की उपयोगिता पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा कि वैज्ञानिक चेतना के प्रचार-प्रसार की आवश्यकता है ताकि हम वैज्ञानिक समझ का उपयोग भवन निर्माण में करके सुरक्षित एवं स्वास्थ्य के लिए अनुकूल भवनों का निर्माण कर सके। डॉ. कुमार ने कोरोना से संबंधित जानकारी के अनेक वेब लिंक प्रतिभागियों के साथ साझा किए। प्रश्नोत्तर सत्र में उन्होंने प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
विज्ञान सर्वत्र पूज्यते कार्यक्रम में ‘कम कीमत में ज्यादा प्रयोग थीम पर केंद्रीय कार्यशाला विशेष आकर्षण का केंद्र बनी। कार्यशाला में डीएवी कॉलेज देहरादून के डॉ.रोहित शर्मा ने भौतिक विज्ञान के अनेक प्रयोगों का मंच पर प्रदर्शन किया। डॉ. रोहित शर्मा ने कम कीमत में ज्यादा प्रयोग थीम के अन्तर्गत कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रशिक्षण देते हुए कहा कि घर में उपलब्ध में पुराने एवं खराब समान की सहायता से तरंग गति, ऑक्सीजन खपत जैसे रोचक प्रयोग हम अपने घर पर कर सकते हैं। अध्यक्षता कर रहे प्रो. केडी पुरोहित, सलाहकार, रूसा यूकॉस्ट देहरादून ने कहा कि भारत के विज्ञान की यात्रा को आम जनमानस तक रोचक ढंग से पहुंचाने के लिए गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में आयोजित ‘विज्ञान सर्वत्र पूज्यते एक सार्थक प्रयास है।
कार्यक्रम के स्थानीय समन्वयक डॉ. हेमवती नन्दन ने कहा कि विश्वविद्यालय भवन में विज्ञान गैलरी का भी आयोजन किया गया है। जिसमें देश के 75 महान वैज्ञानिकों के योगदान एवं उपलब्धियों को सचित्र प्रदर्शित किया गया है।
सत्र का संयोजन एवं संचालन डॉ. विनय सेठी ने किया। कार्यक्रम में प्रो. एलपी पुरोहित, प्रो. प्रभात, डॉ. हिमांशु पंडित, प्रो. राकेश कुमार, डॉ. लोकेश जोशी, डॉ. हरेन्द्र कुमार, डॉ. रविंद्र सहित विभिन्न विद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहें।

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