Wednesday, September 10, 2025
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देश के लिए फुटबॉल खेलकर नाम करना झंडा फहराने का जुनून

मुनस्यारी (पिथौरागढ़)। प्रतिभा न संसाधनों की मोहताज होती है न ही उसे किसी सहारे की जरूरत पड़ती है। बस उसे मौके की चाहत होती है। दर्जी के बेटे हेमराज जौहरी ने इसे अपनी काबिलियत से सच कर दिखाया है। जोहार खेलोत्सव में फुटबाल मैच के दौरान कार्नर किक गोल कर सुर्खियां बटोरने वाले हेमराज जौहरी देश के लिए फुटबाल खेलकर भारत का परचम लहराना चाहते हैं। हेमराज देहरादून में भी दो कार्नर किक गोल दाग चुके हैं।
जोहार खेलोत्सव में खेले गए मैच मुनस्यारी ब्वॉयज की टीम से बनिया गांव एएफसी के खिलाफ खेल रहे मिडफील्डर हेमराज जौहरी ने कार्नर से गोल कर सुर्खियां बटोरी। उन्होंने बताया कि मैच के दौरान कॉर्नर क्षेत्र में बैठे उनके दोस्त योगेश ने इस शॉट का वीडियो बनाकर उन्हें दिया था जिसके बाद हेमराज ने वीडियो को इंस्टाग्राम स्टोरी में डाला था। उन्होंने बताया कि जब लोगों ने वीडियो देखा तो सभी वीडियो मांगने लगे। उन्हें पता नहीं था कार्नर गोल का यह वीडियो इतना वायरल हो जाएगा। इससे पहले भी वह देहरादून में दो प्रशिक्षण के दौरान इसी तरह दो गोल मार चुके हैं, लेकिन तब खेल का वीडियो नहीं बना था। उन्होंने बताया कि गोलकीपर को उन्होंने आगे आते हुए देख लिया था जिसके बाद उन्होंने गोल में कर्व शॉट मारी। शॉट सीधे गोल में चला जाएगा इसका पूरा यकीन नहीं था।
कदम-कदम पर पिता का मिला साथ
मुनस्यारी (पिथौरागढ़)। हेमराज सामान्य परिवार से हैं। पिता दर्जी का काम करते हैं। इसके बावजूद बेटे को हर कदम पर साथ दिया। हेमराज ने बताया कि गरीबी के बावजूद पिता दुर्गा राम ने उनकी हर संभव मदद की है जिसके चलते आज वह स्पोर्ट्स कॉलेज में फुटबाल का प्रशिक्षण ले रहे हैं। उनके पिता गांधीनगर से कक्षा तीन की पढ़ाई के बाद हेमराज को मुनस्यारी ले आए थे। यहां पिता ने दर्जी का काम शुरू कर बेटे की परवरिश की और उनके सपने को पूरा करने में कड़ी मेहनत की। हेमराज ने मुनस्यारी पब्लिक स्कूल से कक्षा छह तक की पढ़ाई की। माता पुष्पादेवी गांव में ही रहती हैं। हेमराज परिवार में सबसे छोटे हैं। उनकी चार बहनें हैं। दो बहनों की शादी हो गई है और दो पढ़ाई कर रही हैं।
मुनस्यारी में एक और खेल मैदान की मांग
मुनस्यारी (पिथौरागढ़)। हेमराज के गोल करने के वायरल वीडियो को सीएम ने अपने ट्विटर हैंडल और फेसबुक पेज पर पोस्ट कर उनकी सराहना की थी। सीएम ने पोस्ट में कहा था कि ऐसे प्रतिभावान खिलाड़ियों को नई खेल नीति के तहत राज्य सरकार सहयोग करेगी। हेमराज ने सीएम से मुनस्यारी में एक और मैदान निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा कि जोहार क्लब के अलावा एक और मैदान बनाया जाए जिससे क्षेत्र के गरीब, होनहार और जरूरतमंद परिवार के बच्चे भी फुटबाल में अपना कॅरिअर बना सकें।
मुनस्यारी ब्वॉयज से ही खेलते हैं हेमराज
मुनस्यारी (पिथौरागढ़)। हेमराज ने बताया कि बचपन में जब वह पढ़ाई के लिए मुनस्यारी आए थे तो उनके पास खेलने के लिए जूते नहीं थे। इसका बाद वह मुनस्यारी ब्वॉयज की टीम से मिले। तब उन्हें जूते और अन्य सामान उपलब्ध कराया। उन्होंने बताया कि उनके पहले कोच हिमांशु धर्मशक्तू और कैलाश लस्पाल ने खेल की बारीकियां सिखाई। टीम ने जरूरत के वक्त उनकी पूरी मदद की थी, ऐसे में वह इस टीम को कभी नहीं भूल सकते हैं। इसके बाद साढ़े ग्यारह साल की उम्र में उनका चयन महाराणा स्पोर्ट्स कॉलेज के लिए हुआ, जहां कोच तरुण नेगी और प्रकाश चंद्र भट्ट ने उनकी प्रतिभा को समझकर उनके खेल में और अधिक निखार लाने का प्रयास किया। हेमराज चार साल से कॉलेज में फुटबाल खेल रहे हैं। वह मिडफील्ड में खेलना पसंद करते हैं। वह अभी तक नेशनल सब जूनियर स्तर पर दो सुब्रतो और दो राष्ट्रीय स्कूल प्रतियोगिता खेल चुके हैं।

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