भवाली। पहाड़ो में मरीजो को बेहतर उपचार मिले इसके लिए सरकार भरसक प्रयास कर रही है। जिससे मरीजों को भटकना ना पड़े। अब एशिया के दूसरे नंबर के टीवी सेनिटोरियम हॉस्पिटल में मरीजों को अब जांच के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मरीजों की सुविधा के लिए स्वास्थ्य विभाग ने वीडियो ब्रानको स्कोपी मशीन अस्पताल में लगाई गई है। सेनिटोरियम चेस्ट इंस्टुयशन के रूप में अपनी पहचान भी बना सकेगा। 1912 में स्थापित सेनिटोरियम टीवी मरीजों के लिये वरदान साबित हुआ था। लेकिन बेहतर मशीनों उपकरणों के अभाव में यहां मरीजों को सुविधा नही मिल पा रही थी। लेकिन अब 100 साल बीतने के बाद पहली बार जिला योजना से सेनिटोरियम में फेफड़ो की जांच के लिए ब्रान्को स्कोपी मशीन लगाई गई है। अब मरीजों को बलगम, निमोनिया, गाँठ की जाँचो के लिए हल्द्वानी या अन्य प्राइवेट अस्पतालों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे। मशीन अस्पताल में लगा दी गई है। सेनिटोरियम अच्छे उपचार व यहां की आबोहवा के लिए पूरे देश में जाना जाता है। 1935 में पहले देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की पत्नी कमला नेहरू मार्च से अप्रैल तक तीन महीने के लिए टीवी के उपचार को यहां रुकी। और तीन महीने में स्वस्थ होकर गई। आज भी अस्पताल में कमला नेहरू वार्ड को सजोकर रखा गया है। 3 सौ एकड़ में फैले हॉस्पिटल को टीवी मरीजो के बेहतर उपचार के लिए तैयार किया गया था। यूपी, उत्तराखंड, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली, शाजापुर, पीलीभीत, बदायू के 60 फीसदी मरीज इलाज कराने यहां आते हैं। अब मरीजो की सुविधा के लिए डिजिटल ऐकक्षरे, ब्रान्को स्कोपी मशीन लगा दी गई है। वर्तमान में हॉस्पिटल में 7 मरीज भर्ती हैं।
भवाली सेनिटोरियम में अब होगी फेफड़ो की जांचधीक्षक सेनिटोरियम
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