Friday, November 1, 2024
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अल्मोड़ा डिपो की बसें न चलने से सात दिन में लगी तीन लाख की चपत

अल्मोड़ा। उत्तराखंड परिवहन निगम के अल्मोड़ा डिपो में चालकों की कमी से बसों का संचालन पटरी पर नहीं आ पा रहा है। लंबे समय से तीन से अधिक रूटों पर बसों का संचालन ठप है। बसों के पहिए थमने से रोडवेज को सात दिन के भीतर तीन लाख रुपये से अधिक की चपत लगी है तो यात्रियों को टैक्सियों में धक्के खाने को मजबूर होना पड़ रहा है।
अल्मोड़ा डिपो में चालकों की कमी दूर होने का नाम नहीं ले रही है, जिसका खामियाजा यात्रियों के साथ ही निगम को भुगतना पड़ रहा है। यहां से डिपो 20 से अधिक बसों का संचालन करता है, जिनके संचालन के लिए 30 से अधिक चालकों की जरूरत है। लेकिन इन बसों को चलाने के लिए यहां 19 चालकों की कमी है। ऐसे में डिपो को कई रूटों पर बसों का संचालन रोकना पड़ा है। अल्मोड़ा-लमगड़ा-दिल्ली, अल्मोड़ा-बेतालघाट-दिल्ली, अल्मोड़ा-टनकपुर, अल्मोड़ा-धरमघर आदि सेवाओं का संचालन ठप है, जिससे यात्रियों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। वहीं बस खड़ी रहने से डिपो को खासा नुकसान झेलना पड़ रहा है। हालात यह हैं कि बीते एक सप्ताह में डिपो को तीन लाख से अधिक का नुकसान हुआ है।
टैक्सियों के सहारे सफर करने को मजबूर यात्री
अल्मोड़ा। अल्मोड़ा से विभिन्न रूटों पर लंबे समय से बसों का संचालन नहीं हो रहा है। ऐसे में यात्रियों को खासी दिक्कत झेलनी पड़ रही है। यात्री आरामदायक व सस्ते सफर की उम्मीद में रोडवेज स्टेशन तो पहुंच रहे हैं। लेकिन उन्हें मायूसी झेलनी पड़ रही है। उन्हें टैक्सियों में ऊंचा किराया देकर गंतव्य को रवाना होना पड़ रहा है।
कोट-
डिपो में चालकों की कमी बनी है, जिससे संचालन पर असर पड़ रहा है। फिर भी यात्रियों को बेहतर सुविधा देने का प्रयास रहता है। चालकों के खाली पदों की सूचना निगम मुख्यालय को भेजी गई है। – राजेंद्र कुमार, सहायक महाप्रबंधक, अल्मोड़ा डिपो।

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