रुद्रपुर। तीन माह पहले पॉश कालोनी से पकड़े गए फर्जी डिग्री, मार्कशीट, सर्टिफिकेट बनाने वाले गिरोह के मामले की विवेचना धीमी गति से चल रही है। पुलिस के खुलासे में सामने आए एक निजी विश्वविद्यालय के दो कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकी है। पुलिस ने मामले की चार्जशीट भी कोर्ट में पेश नहीं की है। पुलिस ने पिछले साल दस नवंबर को मेट्रोपोलिस के एच-9 टावर के एक फ्लैट में छापा मारकर चंपावत निवासी गौरव चंद और देहरादून निवासी अजय को गिरफ्तार किया था। पुलिस को उनके कमरे से बड़ी मात्रा से पांच निजी विश्वविद्यालयों के फर्जी डिग्री-डिप्लोमा, मार्कशीट, सर्टिफिकेट, मुहरें, लैपटॉप, प्रिंटर बरामद किए थे। कुछ दिनों बाद पुलिस ने गिरोह के मुख्य सरगना आवास विकास निवासी नवदीप भाटिया को गिरफ्तार कर नैनीताल रोड स्थित उसकी दुकान सील की थी। दो वाहन भी जब्त किए थे। नवदीप ने पूछताछ में बताया था कि वह विलियम कैरे यूनिवर्सिटी के प्रमाणित सर्टिफिकेट और मार्कशीट लोगों को बेचता था।
पुलिस ने नवदीप के दो मददगार विश्वविद्यालयों के कर्मचारी गौरव अग्रवाल और जितेंद्र उर्फ सुखलाल को भी नामजद किया था लेकिन तीन माह बाद भी पुलिस इन विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के बारे में कोई सबूत नहीं जुटा सकी। इसी कारण विवेचना में उनका नाम भी शामिल नहीं है। खुलासे के समय पुलिस का दावा था कि इस गिरोह ने हजारों लोगों को फर्जी डिग्री बेची हैं। सरगना नवदीप ने प्रमाणपत्र बनाने के लिए अजय और गौरव को बीस हजार रुपये मासिक वेतन पर रखा था और पिछले करीब दो साल से उनका कारोबार चल रहा था लेकिन पुलिस फर्जी डिग्री, मार्कशीट, सर्टिफिकेशन खरीदने वालों का पता नहीं लगा सकी।
अब तक नहीं बनी एसआईटी
रुद्रपुर। पिछले साल 10 नवंबर को मामले का खुलासा करने के कुछ दिन बाद एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने मामले की गहन जांच के लिए एसआईटी गठित करने की बात कही थी। फर्जी मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्रियां लेने वाले लोगों को भी गिरफ्तार करने की बात कही थी। यह भी कहा था कि आरोपियों ने विदेश भेजने वाली कई संस्थानों को भी फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र उपलब्ध कराए हैं। पुलिस ऐसे आरोपी भी नहीं पकड़ सकी है। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी से संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। मामले में एसआईटी गठित करने के लिए उच्च अधिकारियों का पत्र भेजा गया है। मामले की गहनता से जांच चल रही है। जल्द ही कोर्ट में चार्जशीट पेश की जाएगी। – मनोज कत्याल, एसपी सिटी, रुद्रपुर।
तीन माह बाद भी नहीं लगी चार्जशीट
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