रुद्रपुर। बच्चा चोरी मामले में दो महिलाओं सहित तीन लोगों को तीन वर्ष का कारावास और पांच-पांच हजार रुपये जुर्माने से दंडित किया गया है। 21 सितंबर 2017 को थाना ट्रांजिट कैंप में वादी चरन सिंह ने तहरीर दी थी कि उनका बेटा 20 सितंबर 2017 को सुबह 11 बजे खेलने के लिए घर से बाहर गया था लेकिन वह वापस नहीं आया। पुलिस थाने में अभियोग पंजीकृत किया गया लेकिन काफी समय तक बच्चे का पता नहीं चल सका। नौ दिसंबर 2019 को एक अन्य मामले में अभियुक्ता गीता और मानदेई की गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में दोनों महिलाओं ने बताया कि उन्होंने करीब ढाई वर्ष पहले भी एक बच्चे को उठाया था। उसे वह लावाखेड़ा, बरेली ले गए थे जहां पर उस बच्चे को छंगे लाल को बेच दिया था। इस पर उसी दिन ट्रांजिट कैंप थाने की पुलिस दोनों महिलाओं को लेकर ग्राम लावाखेड़ा, बरेली पहुंची। दोनों महिलाओं की निशानदेही पर बच्चे को बरामद कर अभियुक्त छंगे लाल को गिरफ्तार किया।
विवेचना के बाद इस मामले में अभियुक्ता गीता, मानदेई व छंगे लाल के विरुद्ध धारा 370, 120बी व 363 के अंतर्गत आरोप पत्र भेजा गया। अभियोजन की ओर से मामले में सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लक्ष्मी नारायन पटवा ने छह गवाहों को पेश किया व आरोप सिद्ध किया। तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रजनी शुक्ला ने इस मामले में दोषी छंगे लाल और मानदेई को धारा 370, 120 बी में तीन वर्ष का कारावास व पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड और गीता को धारा 363 आइपीसी में तीन वर्ष का कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।
बच्चा चोरी में दो महिलाओं सहित तीन लोगों को तीन वर्ष का कारावास
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