नाचनी (पिथौरागढ़)। भूस्खलन रोकने के उद्देश्य से करोड़ों रुपये की लागत से थल-मुनस्यारी सड़क में हरड़िया नया बस्ती में किए गए कार्यों की पोल हल्की सी बारिश में खुलने लगी है। मानसून से पहले ही पहाड़ी के दरकने से करोड़ों की लागत से किए गए कार्यों की गुणवत्ता पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं।
साढ़े पांच करोड़ की लागत से जून 2021में नदी तल पर 120 मीटर लंबाई पर आरसीसी ब्लॉक, दीवारों और जियोमेट्रिकल संरक्षण कार्य शुरू किया गया था। कार्य पूरा होते ही सड़क के ऊपर पूर्वी भाग में बने ढांचे हल्की बारिश से दरकने लगे हैं। निर्माण स्थल से 200 मीटर दूरी पर रहने वाले भैसखाल गांव के उपप्रधान धन राम ने बताया कि इस स्थान पर सरकार ने धन की बर्बादी की है। जमीन दरकने से इस स्थान पर बरसात में और अधिक भूस्खलन होने का खतरा बढ़ गया है।
वहीं लोनिवि खंड डीडीहाट के ईई जगदीश प्रसाद थपड़ियाल ने बताया कि सड़क सुरक्षा के लिए 120 मीटर लंबे क्षेत्र में रामगंगा और हरड़िया के कटाव को रोकने के लिए आरसीसी वर्क में ठोस कार्य हुआ है। सड़क से ऊपर जिस जगह पर भूस्खलन हो रहा है उस स्थान पर दो हेक्टेयर क्षेत्र में जियोमेट्रिकल वर्क (वानस्पतिक संरक्षण कार्य) हुआ है, उसमें किसी भी तरह का जो भी निर्माण क्षतिग्रस्त होगा उसे ठेकेदार दोबारा करेगा।
सड़क टेंडर में लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
पिथौरागढ़। एक ठेकेदार ने एलागाड़-जुम्मा सड़क के लिए टेंडर प्रक्रिया पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। ठेकेदार का कहना है कि उन्होंने सड़क का टेंडर 4.20 लाख रुपये और दूसरे ने 6.92 लाख रुपये कर भरा था जबकि टेंडर की अनुमानित लागत 4.50 लाख थी। विभाग की अनुमानित लागत से भी 30 लाख कम में टेंडर भरने के बाद भी 6.92 लाख रुपये का टेंडर विभाग ने किया। उन्होंने जांच की मांग कर डीएम को ज्ञापन दिया है।
भूस्खलन रोकने के लिए खर्च कर दिए करोड़ों स्थिति जस की तस
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