देहरादून।
देहरादून में पढ़ाई के लिए आए त्रिपुरा निवासी छात्र एंजेल चकमा की हत्या के बाद पुलिस प्रशासन ने जिले में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। दून पुलिस ने जिले में अध्ययनरत पूर्वोत्तर (नॉर्थ ईस्ट) के सभी छात्रों की सूची तैयार कर ली है और उनके साथ संवाद स्थापित करने के लिए ऑनलाइन बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, एंजेल हत्याकांड के बाद नॉर्थ ईस्ट से आए छात्रों के मन में किसी तरह का डर या असुरक्षा न रहे, इसके लिए यह पहल की जा रही है। जिले के विभिन्न कॉलेजों, शिक्षण संस्थानों और पीजी संचालकों से नॉर्थ ईस्ट के छात्रों की जानकारी मांगी गई थी। इन आंकड़ों के आधार पर छात्रों की एक विस्तृत सूची तैयार की गई है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में सामने आया है कि देहरादून जिले में करीब 2500 पूर्वोत्तर के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। पुलिस इन सभी छात्रों से संवाद स्थापित करेगी और एक ऑनलाइन बैठक के जरिए उनकी समस्याएं सुनेगी। साथ ही उन्हें यह भरोसा दिलाया जाएगा कि दून पुलिस हर छात्र की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
एसएसपी ने कहा कि किसी भी छात्र के मन में भय का माहौल न बने, इसके लिए पुलिस लगातार निगरानी रखेगी। जरूरत पड़ने पर संबंधित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जाएगी। कॉलेज प्रबंधन और पीजी संचालकों को भी छात्रों की सुरक्षा को लेकर सहयोग करने के निर्देश दिए गए हैं।
आरोपी सूरज की मां का पक्ष
एंजेल हत्याकांड के एक आरोपी सूरज की मां ने भी मामले को लेकर अपना बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि उनके बेटे पर लगाए जा रहे नस्लभेदी टिप्पणी के आरोप गलत हैं। उनका कहना है कि वे स्वयं मणिपुर मूल की हैं और पिछले 10 वर्षों से देहरादून के सेलाकुई क्षेत्र में रह रही हैं। उनका बेटा सूरज एक वर्ष पहले देहरादून आया था और यहां एक रेस्टोरेंट संचालित करता है। उनके अनुसार, विवाद की वजह कुछ और थी, न कि नस्लभेद।
फिलहाल दून पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और साथ ही नॉर्थ ईस्ट के छात्रों में विश्वास बहाल करने के लिए लगातार कदम उठा रही है।