Saturday, November 2, 2024
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पांच घंटे में बनभूलपुरा में दो निर्माणाधीन भवन गिराए

हल्द्वानी। जिला विकास प्राधिकरण और नगर निगम ने बनभूलपुरा के दो निर्माणाधीन बहुमंजिला भवनों को पांच घंटे की मशक्कत के बाद ढहा दिया। अतिक्रमण तोड़ने के दौरान कोई अप्रिय घटना न हो इसके लिए भारी पुलिस फोर्स तैनात किया गया था। बृहस्पतिवार को जिला विकास प्राधिकरण की संयुक्त सचिव ऋचा सिंह और नगर आयुक्त पंकज उपाध्याय के नेतृत्व में नगर निगम की टीम पुलिस बल के साथ सुबह 10 बजे बनभूलपुरा के लाइन नंबर आठ पहुंची। टीम ने भवन स्वामी को तय सीमा पर अतिक्रमण नहीं तोड़ने पर कड़ी फटकार लगाई। टीम ने लाइन नंबर आठ के दो मंजिला भवन को दो जेसीबी की मदद से ढहा दिया।
इसके बाद टीम लाइन नंबर 12 पहुंची। जेसीबी ऑपरेटर ने जगह कम होने और दूसरे मकान को खतरा बताते हुए जेसीबी से मकान तोड़ने से मना कर दिया। इसके बाद नगर निगम ने रात्रि गैंग के 40 सफाई कर्मियों को तीन मंजिले निर्माणाधीन भवन को तोड़ने के लिए कहा। अतिक्रमण तोड़ने के लिए दो हेमर मशीनें, 10 घन मंगाए गए। टीम ने चार घंटे बाद इस इमारत को ढहा दिया। इस दौरान वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. मनोज कांडपाल, सहायक नगर आयुक्त गणेश भट्ट, एई नवल नौटियाल, जेई अंकित बोरा, सफाई निरीक्षक चतर सिंह, बनभूलपुरा चौकी इंचार्ज नीरज भाकुनी आदि मौजूद रहे।
हर आधे घंटे में रिपोर्ट लेते रहे कमिश्नर
हल्द्वानी। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत ने ही इन दो भवनों को तोड़ने के निर्देश दिए थे। कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत तीन दिन पूर्व जब यहां गए थे तो बनभूलपुरा के लोगों ने उनके वाहन का घेराव कर दिया था। बृहस्पतिवार को अतिक्रमण तोड़ने के दौरान कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत लगातार इसका अपडेट लेते रहे। अतिक्रमण टूटने के बाद अधिकारियों ने कमिश्नर को अवगत कराया। इसके बाद टीम वहां से लौट गई।
पुलिस ने बैरीकेड लगाकर किया बंद
हल्द्वानी। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने अतिक्रमण तोड़ने से पहले पुलिस फोर्स की डिमांड की थी। पुलिस ने अतिक्रमण तोड़े जाने वाली जगह की सड़कों को पहले से ही बैरीकेड लगाकर बंद कर दिया था। अप्रिय घटना से बचने के लिए टियर गैस के साथ पुलिस जवान मौजूद थे।
पार्षदों का आरोप, दोहरे मापदंड अपना रहा प्रशासन
हल्द्वानी। बनभूलपुरा क्षेत्र के पार्षदों और लोगों ने प्रशासन पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया। लोगों का कहना था कि आधा हल्द्वानी नजूल पर बसा है। यहां बिना फ्री होल्ड कराए जमकर निर्माण कार्य किया जा रहा है। प्राधिकरण ने अभी तक कई भवनों को सील किया है। प्राधिकरण की सील किए हुए भवनों की सूची देख ली जाए तो इसमें से 95 प्रतिशत भवन सील तोड़कर पूरे बन गए हैं। इसके बाद भी प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने यहां एक भी भवन को तोड़ने की जहमत नहीं उठाई। आरोप लगाया कि इन भवनों को बचाने के लिए अधिकारियों ने ही तोड़ निकाला है। वह इन अवैध अतिक्रमणकारियों को राय देते हैं कि वह भवन की कंपाउंडिंग करा लें। साथ ही नजूल भूमि की फ्री होल्ड की फाइल लगाकर एक पत्र जिला विकास प्राधिकरण को भी दें दे।

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