Wednesday, December 31, 2025
HomeअपराधUKSSSC Paper Leak: जेल में बंद मास्टरमाइंड खालिद का एक और फर्जीवाड़ा...

UKSSSC Paper Leak: जेल में बंद मास्टरमाइंड खालिद का एक और फर्जीवाड़ा उजागर, सीबीआई की सिफारिश पर नई एफआईआर

देहरादून/हरिद्वार।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के चर्चित पेपर लीक मामले में मास्टरमाइंड मोहम्मद खालिद के खिलाफ एक और गंभीर फर्जीवाड़ा सामने आया है। पहले से ही जेल में बंद खालिद पर अब सीबीआई की सिफारिश के बाद देहरादून के रायपुर थाने में नई प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच में खुलासा हुआ है कि खालिद ने न केवल परीक्षा प्रश्नपत्र लीक किया, बल्कि भर्ती प्रक्रिया के नियमों को भी सुनियोजित तरीके से तोड़ा।

सीबीआई की विस्तृत जांच में सामने आया कि आरोपी ने भर्ती प्रक्रिया के दौरान आयोग को गलत जानकारियां दीं और अपनी पात्रता साबित करने के लिए फर्जी शैक्षिक दस्तावेज भी जमा किए। जब आयोग ने संबंधित विश्वविद्यालयों से इन दस्तावेजों की पुष्टि कराई, तो यह स्पष्ट हो गया कि खालिद उन विश्वविद्यालयों का कभी छात्र ही नहीं रहा। इसके बाद आयोग ने पूरे मामले की जानकारी सीबीआई को दी, जिसकी सिफारिश पर यह नई एफआईआर दर्ज की गई।

एक आरोपी, नौ अलग-अलग आवेदन

सीबीआई के अनुसार, मोहम्मद खालिद ने दो अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं—स्नातक स्तरीय परीक्षा और सहकारी निरीक्षक भर्ती—के लिए कुल नौ आवेदन पत्र दाखिल किए थे। हर आवेदन में उसने अपनी शैक्षिक योग्यता, मोबाइल नंबर और यहां तक कि फोटो भी बदल दी थी।

सहकारी निरीक्षक पद के लिए अर्थशास्त्र और कॉमर्स जैसे विशेष विषयों में स्नातक होना अनिवार्य था, लेकिन खालिद इस योग्यता को पूरा नहीं करता था। इसके बावजूद उसने अलग-अलग विश्वविद्यालयों के फर्जी प्रमाण पत्रों के सहारे परीक्षा में शामिल होने की कोशिश की।

सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज

सीबीआई की संस्तुति मिलने के बाद आयोग के अपर सचिव की ओर से रायपुर थाना पुलिस को शिकायत सौंपी गई। इसके आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में नकल के नियंत्रण और रोकथाम के लिए उपाय) अधिनियम, 2023 की कड़ी धाराओं में मामला दर्ज किया है। एफआईआर के बाद अब रायपुर पुलिस न्यायिक हिरासत में खालिद से पूछताछ की तैयारी कर रही है।

विश्वविद्यालयों की रिपोर्ट ने खोली पोल

आयोग द्वारा जिन विश्वविद्यालयों से पुष्टि कराई गई, वहां से रिपोर्ट मिली कि खालिद कभी उनका छात्र नहीं रहा। इससे यह भी साफ हो गया कि आरोपी ने भर्ती के दौरान फर्जी मार्कशीट और प्रमाण पत्रों का इस्तेमाल किया था।

कैसे सामने आया था पेपर लीक मामला

उल्लेखनीय है कि हरिद्वार के लक्सर निवासी मोहम्मद खालिद का नाम पहली बार सितंबर माह में तब सामने आया था, जब स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान हरिद्वार के एक परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने व्हाट्सएप पर वायरल हुए थे। जांच में पता चला कि खालिद परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन छिपाकर ले गया था और अपनी बहन साबिया के माध्यम से सहायक प्रोफेसर सुमन को पेपर भेजा था, ताकि वे उसे हल कर सकें।

मामले ने तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। हाल ही में सीबीआई ने खालिद, उसकी बहन साबिया और प्रोफेसर सुमन के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल कर दी है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments