रुद्रपुर। जिले में चीनी की चारों मिलों में विधिवत रूप से गन्ने की पेराई होने और गन्ने का रकबा बढ़ने से गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग ने उत्तरप्रदेश की चीनी मिल को गन्ना सेंटरों का आवंटन बंद कर दिया है। इससे खासकर खटीमा और सितारगंज क्षेत्र के सैकड़ों गन्ना किसानों को सुविधा होगी। जिले में इस बार गन्ना किसानों की सुविधा के लिए कुल 116 गन्ना सेंटर खोले गए हैं। सितारगंज में सहकारी चीनी मिल के शुरू होने के बाद जिले में गन्ने का रकबा बढ़ता जा रहा है। इस बार जिले में 26 हजार 714 हेक्टेयर कृषि भूमि में गन्ना लगाया है।
पेराई सत्र शुरू होने के बाद गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग ने किसानों का गन्ना खरीदने के लिए चीनी मिलों के सात-आठ किलोमीटर के दायरे में 116 गन्ना सेंटर खोले हैं, लेकिन उत्तरप्रदेश के बहेड़ी स्थित केसर इंटरप्राइजेज चीनी मिल को कोई गन्ना सेंटर आवंटित नहीं किया है। जबकि वर्ष 2017 में सितारगंज चीनी मिल बंद होने के बाद खटीमा, सितागरंज, नानकमत्ता क्षेत्र के सैकड़ों किसान अपना गन्ना बहेड़ी स्थित चीनी मिल में बेचते थे। सितारगंज चीनी मिल खुलने के बाद इस बार गन्ने का रकबा बढ़ने से जिले की नादेही, बाजपुर, सितारगंज और किच्छा चीनी मिलों में भी बेहतर उत्पादन की संभावना है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार जिले में गन्ने का रकबा 2,147 हेक्टेयर बढ़ा है। विभाग के मुताबिक गन्ने के क्षेत्रफल के हिसाब से इस वर्ष चीनी मिलों में कुल 189 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन की संभावना है। हालांकि कुछ गन्ना गुड़ के लिए कोल्हू में भेजने से यह संभावित उत्पादन कम हो सकता है।
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सितारगंज चीनी मिल शुरू हो चुकी है। जिस कारण बहेड़ी की चीनी मिल को गन्ना सेंटर आवंटन नहीं किए गए हैं। जिले में गन्ने का रकबा बढ़ने से इस बार जिले की चीनी मिलों में अधिक चीनी उत्पादन की संभावना है। – कपिल मोहन, सहायक गन्ना आयुक्त, ऊधमसिंह नगर।
यूपी की चीनी मिल के लिए गन्ना सेंटरों का आवंटन बंद
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