Uttarakhand News: कांग्रेस के नए अध्यक्ष पर भाजपा की पैनी नजर, राजनीतिक गतिविधियों पर रखी जा रही कड़ी निगरानी
कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन के बाद उत्तराखंड की राजनीति में नई हलचल देखने को मिल रही है। पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए नया चेहरा मैदान में उतारा है। लेकिन सत्ताधारी भाजपा इसे एक चुनौती के रूप में देख रही है और कांग्रेस को राज्य में मजबूत आधार बनाने का मौका नहीं देना चाहती। इसी के तहत भाजपा ने विभिन्न धाराओं से जुड़े अपने वरिष्ठ नेताओं को सक्रिय कर दिया है।
भाजपा की रणनीति: कांग्रेस का ‘फेस’ मजबूत, लेकिन ‘बेस’ न बनने पाए
भाजपा नेता भले ही कांग्रेस के नए अध्यक्ष के प्रभाव को सार्वजनिक मंचों पर नकार रहे हों, लेकिन पार्टी के भीतर हालात अलग हैं। कांग्रेस की गतिविधियों में तेजी और नेताओं की बयानबाजी को देखते हुए भाजपा ने इसे गंभीरता से लिया है।
सूत्रों के अनुसार भाजपा कांग्रेस के—
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नए अध्यक्ष की रणनीति
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वरिष्ठ नेताओं की बयानबाजी
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जिलास्तर पर बनाए गए नए पदाधिकारियों की भूमिका
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और संगठनात्मक बदलाव
पर नियमित नजर रखे हुए है।
“विरोधी को कमजोर समझना राजनीतिक भूल”—भाजपा का आंतरिक संदेश
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने स्वीकार किया कि राजनीति में सामने वाले को कमजोर आंकना बड़ी गलती हो सकती है। क्षत्रिय–ब्राह्मण समीकरणों के बीच वर्षों से चल रही राजनीतिक खींचतान में कांग्रेस का नया नेतृत्व नया मोड़ ला सकता है, जिसे भाजपा चुनौती के रूप में देख रही है।
हालांकि भाजपा के पास महेंद्र भट्ट जैसे संगठनात्मक रूप से मजबूत अध्यक्ष पहले से मौजूद हैं, लेकिन कांग्रेस के नए अध्यक्ष से पैदा होने वाले राजनीतिक प्रभाव को लेकर पार्टी बेहद सतर्क है।
मीडिया और सोशल मीडिया में कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए टीम तैनात
कांग्रेस नेताओं की सोशल मीडिया पर बढ़ती सक्रियता और तेज बयानबाजी का मुकाबला करने के लिए भाजपा ने अपने प्रवक्ता दल को फिर से सक्रिय कर दिया है।
वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेश जोशी, मनवीर चौहान और अन्य प्रवक्ता लगातार मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से कांग्रेस के बयानों पर पलटवार कर रहे हैं, ताकि जनता तक एक मजबूत संदेश पहुंचाया जा सके।
भविष्य की राजनीति पर सबकी नजर
अब राज्य की राजनीति में मुख्य सवाल यह है कि कांग्रेस के इस नेतृत्व परिवर्तन से—
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कार्यकर्ताओं की ऊर्जा
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जनता की धारणा
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और चुनावी समीकरण
में क्या बदलाव आएगा।
भाजपा किसी भी हाल में कांग्रेस को प्रदेश में मजबूत आधार नहीं बनाने देना चाहती और इसी वजह से दोनों दलों के बीच राजनीतिक गतिविधियां और तेज होती जा रही हैं।