कांग्रेस उत्तराखंड के दो जिलों ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार में किसानों को साधने के लिए जो प्रयास कर रही है, उसमें भाजपा सरकार ने किसानों को राहत पहुंचाने के कदम उठाकर चुनौती खड़ी कर दी है। केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर जहां किसानों के गुस्से को शांत करने की कोशिश की, वहीं राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं और धान की खरीद में रिकार्ड खरीदारी की है।
उत्तराखंड ने कोरोना संकट और किसान आंदोलन के बावजूद गेहूं और धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद में रिकार्ड कायम कर दिया। चालू वित्तीय वर्ष में गेहूं की रिकार्ड 1.43 लाख मीट्रिक टन खरीद हुई। इसी तरह 21 जनवरी, 2022 तक 11.55 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है। 2012 से लेकर 2017 तक की तुलना में 2017 से लेकर 2022 में 1.86 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 12.98 लाख मीट्रिक टन धान की अधिक खरीद हुई है। प्रदेश में एमएसपी पर गेहूं और धान की खरीद में लगातार वृद्धि हो रही है। महत्वपूर्ण बात ये है कि दोनों ही खाद्यान्न की खरीद पर कोरोना संकट बुरा असर नहीं डाल सका है।
हालांकि कोरोना महामारी की वजह से प्रदेश का हर क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यही नहीं तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान आंदोलन तेज होने के बावजूद उत्तराखंड में गेहूं और धान की एमएसपी पर बड़ी मात्रा में खरीद की गई है। खरीद के साथ ही किसानों को भुगतान में होने वाली परेशानी को भी सरकार ने दूर किया है। किसानों को पारदर्शिता के साथ जल्द भुगतान हो, इसके लिए आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान की व्यवस्था की गई। इससे गेहूं और धान की खरीद का मूल्य सीधे किसानों के खातों में पहुंचा है दरअसल एमएसपी को लेकर किसानों ने जिसतरह अपने आंदोलन को धार दी, उसे देखते हुए सरकार ने बेहद सावधानी बरती। परिणाम स्वरूप गेहूं और धान की बंपर खरीद उत्तराखंड में हुई है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में गेहूं खरीद का लक्ष्य 2.20 लाख मीट्रिक टन रखा गया था। इस बार सरकार ने 143725 मीट्रिक टन गेहूं खरीदा। किसानों को गेहूं खरीद के लिए 286.72 करोड़ भुगतान किया गया है। पिछले तीन वर्षों यानी 2019-20 से प्रदेश सरकार किसानों को एमएसपी पर खरीद के साथ ही प्रति क्विंटल 20 रुपये अतिरिक्त बोनस भी दे रही है।
चालू वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के लिए धान खरीद का लक्ष्य बढ़ाया था। दरअसल किसानों की मांग पर राज्य सरकार ने इस संबंध में केंद्र से अनुरोध किया था। प्रदेश के खाद्य मंत्री बंशीधर भगत ने इस संबंध में केंद्रीय खाद्य मंत्री से मुलाकात भी की थी। इसके बाद राज्य के लिए खरीद का लक्ष्य बढ़ाकर 11.63 लाख मीट्रिक टन किया गया। इस लक्ष्य की तुलना में 21 जनवरी तक राज्य सरकार 1133464 मीट्रिक टन धान खरीद चुकी है। धान की खरीद और बढऩी तय है। सरकार ने 31 जनवरी धान खरीद की अंतिम तिथि नियत की है। धान के लिए किसानों को अभी तक 2049.96 करोड़ की राशि का भुगतान किया जा चुका है। गेहूं की तर्ज पर ही धान खरीद और भुगतान राज्य बनने के बाद सर्वाधिक रहा है।
कोरोनाकाल में उत्तराखंड ने बनाया गेहूं और धान की खरीद में रिकार्ड, किसानों को उत्तरप्रदेश से ज्यादा गन्ना मूल्य
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