रोडवेज बसों के लिए अब डीजल इंडियन आयल कंपनी से थोक में नहीं खरीदा जाएगा, बल्कि रोडवेज निजी पेट्रोल पंपों से डीजल की खरीद करेगा। यह फैसला रोडवेज मुख्यालय ने थोक में बाजार से अधिक डीजल की कीमतों को देखते हुए लिया है। बताया जा रहा है कि बाजार के पंपों पर डीजल वर्तमान में 87.80 रुपये है, जबकि आयल कंपनी से सीधे खरीद में डीजल सात-आठ रुपये प्रति लीटर महंगा पड़ रहा। मुख्यालय ने प्रदेश के सभी डिपो प्रबंधकों के लिए आदेश दिए हैं कि डीजल की खरीद कार्यशाला के आसपास के निजी पंप से की जाए। रोडवेज की समस्त कार्यशाला में अपने पेट्रोल पंप है, जिनसे रोडवेज बसों और अधिकारियों के सरकारी वाहनों में डीजल भरा जाता है। बताया गया कि पिछले दिनों आयल कंपनियों द्वारा तेल की कीमतों में की गई वृद्धि से निगम के सामने संकट पैदा हो गया है। इसकी वजह है कि आयल कंपनियों ने थोक की कीमतें बेतहाशा बढ़ाई हैं। अब मुख्यालय से आदेश जारी होने के बाद सभी डिपो में कंपनी से सीधे डीजल की खरीद बंद कर दी गई है।
इसके बाद सोमवार शाम तक रोडवेज के अधिकांश पेट्रोल पंप में डीजल खत्म हो चुका है, जबकि बाकी में मंगलवार तक डीजल खत्म हो जाएगा। मुख्यालय ने बस चालकों को भी बता दिया है कि थोक में डीजल अधिक कीमतों में मिलने पर अब निगम फुटकर में डीजल की खरीद करेगा। निजी पेट्रोल पंप से बसों में तेल भरवाने की व्यवस्था की जा रही है। रोडवेज महाप्रबंधक (तकनीकी एवं संचालन) दीपक जैन ने बताया कि अचानक थोक में डीजल महंगा हो गया है, जबकि फुटकर बाजार में उसी कीमत पर डीजल मिल रहा। पहले रोडवेज को कंपनी से डीजल की सीधे खरीद पर दो से तीन रुपये प्रति लीटर सस्ता डीजल मिलता था, लेकिन अब डीजल महंगा मिल रहा। ऐसे में अब बाजार से डीजल खरीद की जाएगी। जो पंप संचालक कुछ छूट देगा, उसे प्राथमिकता दी जाएगी। बाजार से डीजल की खरीद के कारण बसों का माइलेज कम ना हो, डिपो अधिकारी नियमित इसकी निगरानी करेंगे।
उत्तराखंड परिवहन निगम अब बाजार से खरीदेगा डीजल, पहले कंपनी से लिया जाता था थोक के भाव
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