शातिर दिमाग लगाकर युवक फर्जी दस्तावेजों के सहारे अग्निवीर भर्ती के लिए आवेदन करने में कामयाब रहा। लेकिन उसकी एक बेवकूफी ने उसके पूरे प्लान पर पानी फेर दिया। दस्तावेज जांच प्रक्रिया की जानकारी जुटाने को युवक दो दिन पहले ही भर्ती स्थल पहुंच गया। उसकी सबसे बड़ी गलती यह रही कि वह असली और नकली दोनों दस्तावेजों को एक ही फाइल में लेकर घूम रहा था, जो कि उसके पकड़े जाने की मुख्य वजह बनी। मुनस्यारी नामिक निवासी दीपक सिंह जैम्याल की वास्तविक आयु 23 वर्ष पूरी हो चुकी है। लेकिन अग्निवीर भर्ती में शामिल होने के लिए उसने फर्जी तरीके से हाईस्कूल का प्रमाण पत्र बनाया और अपनी जन्मतिथि चार साल कम कर दी। इस प्रमाण पत्र के आधार पर युवक ने आधार कार्ड में अपनी उम्र कम कराई और अग्निवीर के लिए आवेदन किया। युवक की शारीरिक परीक्षा सात सितंबर को होनी थी। जाली दस्तावेज होने से वह दो दिन पहले ही भर्ती स्थल पहुंचा। वह दस्तावेजों की हो रही जांच की जानकारी जुटा सके।
फर्जी दस्तावेज को लेकर जांच में जुटी पुलिस
युवक के पास फर्जी दस्तावेज मिलने के बाद पुलिस और खुफिया एंजेंसियां अलर्ट हो गई हैं। फर्जी दस्तावेज कहां से बनाएं गए, इसे लेकर पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है।
फर्जी दस्तावेज लेकर भर्ती के लिए आया युवक दबोचा
अग्निवीर भर्ती में फर्जी दस्तावेज बनाकर शामिल होने की फिराक में आये एक युवक को शारीरिक परीक्षा से दो दिन पहले सेना के जवानों ने संदेह के आधार पर पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। सेना की भर्ती के लिए निर्धारित आयु पूरी होने पर आरोपी युवक ने जाली दस्तावेज बनाकर अपनी उम्र कम दर्शाने की कोशिश की, ताकि वह सेना भर्ती में शामिल हो सके। लेकिन सेना के जवानों और पुलिस ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। मुनस्यारी क्षेत्र के ग्राम नामिक निवासी दीपक सिंह जैमुवाल को सेना ने पुलिस के हवाले किया। आरोपी से हाईस्कूल की दो अंकतालिकाएं मिलीं। एक में जन्मतिथि 1 मार्च 1999 और दूसरे में 1 अगस्त 2003 दर्ज थी। आरोपी पर केस दर्ज किया गया।
युवक की खुद की बेवकूफी ने सलाखों के पीछे पहुंचाया, जानिए मामला
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