अल्मोड़ा। राजकीय इंटर कॉलेज (जीआईसी) श्रीखेत में शिक्षकों की कमी की वजह से 11वीं कक्षा में प्रवेश नहीं हुए हैं। इसके लिए बच्चे 15 किमी दूर मजखाली की दौड़ लगा रहे हैं। बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित अभिभावक 60 किमी दूर से दो हजार रुपये में वाहन बुक कर मुख्य शिक्षाधिकारी (सीईओ) सुभाष चंद्र भट्ट से मिलने अल्मोड़ा पहुंचे। उन्होंने सीईओ को परेशानी बता कॉलेज में शिक्षक भेजने का अनुरोध किया। अभिभावकों ने सीईओ को ज्ञापन सौंपा। बताया कि भिटारकोट, ऐना, दैना, मुझोली, चिनौना, घनखोली, गैलेख, कुंवाली नैणी, कुलसीवी आदि गांवों के बच्चे जीआईसी श्रीखेत में पढ़ने आते हैं। इसके बावजूद जीआईसी में भौतिक विज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान प्रवक्ता और एलटी संवर्ग में सहायक अध्यापक अंग्रेजी के शिक्षक नहीं हैं। इस कारण नए शिक्षा सत्र में 11वीं में छात्रों को प्रवेश नहीं दिए गए हैं। बच्चे 11वीं की पढ़ाई के लिए 10 से 15 किमी दूर जाने के लिए मजबूर हैं। 12वीं के बच्चे भी स्कूल तो जाते हैं लेकिन शिक्षक न होने पर वे लौट आते हैं। रास्ते में कई किमी लंबा जंगल भी पड़ता है जिससे बच्चों को तेंदुआ आदि जंगली जानवरों का खतरा रहता है। अभिभावकों ने सीईओ सुभाष से विद्यालय में शिक्षकों के खाली पद जल्द भरने की मांग की।
मांग पूरी न होने पर उन्होंने जिला मुख्यालय में धरना, प्रदर्शन, तालाबंदी की चेतावनी दी। इनमें राजेंद्र सिंह, किशन राम, डुंगर राम, प्रेम कुमार, शीला देवी, उमा देवी, गीता देवी, हेमा देवी, पुष्पा देवी, पनी राम आदि थे। स्कूल में विज्ञान वर्ग के शिक्षक न होने के कारण ग्रामीण बच्चों के भविष्य के प्रति चिंतित हैं। यहां कई किमी दूर दूसरे स्कूलों में पढ़ने के लिए मजबूर हो रहे हैं। – सुरेश राम, अध्यक्ष, अभिभावक संघ, जीआईसी श्रीखेत।
विभागीय अधिकारियों से शिक्षकों की नियुक्ति की मांग कई बार की जा चुकी है। अब भी विद्यालय में शिक्षक नहीं भेजे गए तो अभिभावक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। – मदन लाल, विद्यालय प्रबंधन समिति अध्यक्ष।
बच्चे कई किमी दूर पढ़ने जा रहे हैं। पैदल चलने में ही वह थक जाते हैं जिससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षक भेजकर ही विद्यालय खोलने फायदा मिल सकता है। – राजेंद्र बिष्ट, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य।
स्कूल में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों का भविष्य खराब हो सकता है। ग्रामीण कई बार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं लेकिन समस्या न सुलझने से ग्रामीणों में गुस्सा है। – प्रकाश चंद्र, अभिभावक।
बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अगर जीआईसी श्रीखेत में शिक्षकों के खाली पद जल्द नहीं भरे गए तो अभिभावक आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे। – रेखा देवी, ग्राम प्रधान दैना।
हमारी बेटियां डॉक्टर, इंजीनियर बनना चाहती है लेकिन स्कूल में विज्ञान के शिक्षक न होने से उनके सपने पूरे नहीं हो रहे हैं। खाली पद जल्द भरे जाए – पुष्पा देवी, अभिभावक, जीआईसी श्रीखेत।
बच्चों के भविष्य की खातिर जीआईसी श्रीखेत में जल्द शिक्षक भेजे जाने चाहिए। इसी में सबकी भलाई है। आखिर कब तक बच्चों को शिक्षकों का इंतजार करना पड़ेगा। – गीता देवी, अभिभावक।