अल्मोड़ा। हेलंग चमोली में पुलिस प्रशासन की ओर से ग्रामीण महिलाओं के घास के गट्ठर लूट कर उन्हें गिरफ्तार करने की घटना के विरोध में 24 जुलाई को उत्तराखंड के संघर्षशील संगठनों से जुड़े लोग हेलंग चलो आह्वान की व्यापक तैयारियों में जुटे हैं।
उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने बताया कि उपपा के साथियों का एक दल पीड़ित ग्रामीणों के समर्थन के लिए हेलंग जाएगा। एक बयान में उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में अपने गोचर, पनघट से घास ला रहीं महिलाओं के खिलाफ पुलिस प्रशासन स्थानीय औद्योगिक सुरक्षा बलों की सशक्त कार्रवाई ने बता दिया है कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन की भावना को कुचला जा रहा है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हेलंग चलने के अभियान को जिस तरह से समर्थन मिल रहा है उससे साबित हो गया है कि पिछले 22 वर्षों में राज्य में प्राकृतिक संसाधनों जल, जंगल, जमीन की जो लूट हुई है। उन्होंने चमोली के जिला प्रशासन और इस घटना के लिए जिम्मेदार सभी पुलिस, औद्योगिक बल और प्रशासन के अधिकारियों को निष्पक्ष जांच से पहले वहां से हटाने की मांग की।
हेलंग एकजुटता को मजबूत करने गरुड़ से भी दल रवाना
गरुड़ ( बागेश्वर)। बागेश्वर से हेलंग एकजुटता मोर्चा को समर्थन देने और आंदोलन में भाग लेने के लिए कार्यकर्ताओं का दल रवाना दोपहर गरुड़ से हेलंग चमोली के लिए रवाना हुआ। दल देर शाम हेलंग पहुंचेगा। दल के प्रमुख और सद्भावना यात्रा के संयोजक भुवन पाठक ने कहा कि 15 जुलाई को हुई हेलंग की घटना के खिलाफ हेलंग एकजुटता मोर्चा के आह्वान पर उत्तराखंड के समस्त प्रमुख आंदोलन कारी जन संगठन, क्षेत्रीय राजनीतिक दल, महिला संगठन एवं स्वतंत्र लोकतांत्रिक कार्यकर्ता 24 जुलाई को हेलंग में एकजुट होंगे। इस एकजुटता का मकसद हेलंग में पीड़ित महिलाओं के साथ एकजुटता प्रदर्शित करना और उत्तराखंड में जल जंगल जमीन की लड़ाई को एकजुट करना है। वहां आनंद बिष्ट, लक्ष्मण आर्या, किसान नेता सुंदर बरोलिया, वनाधिकार कार्यकर्ता रमेश कृषक और गोपाल भाई शामिल रहे।