हल्द्वानी। ‘चंदन हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल जिंदा हैं’, सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक नैनीताल रोड स्थित बुद्ध पार्क में यह नारे गूंजते रहे। यह गुस्सा मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र स्थित गांव गनौरिया के ग्रामीणों का था। वहां के निवासी चंदन सिंह (32) की हत्या और दो महीने बाद भी मामले का खुलासा न होने पर गुस्साए ग्रामीण मंगलवार सुबह हल्द्वानी आ धमके। जुलूस निकालने से पहले ही पुलिस ने उन्हें बुद्ध पार्क में ही रोक दिया। एसपी सिटी के समझाने पर भी वे नहीं माने। मौके पर पहुंचे विधायक सुमित हृदयेश और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य के नाराजगी जताने पर पुलिस ने 15 दिन में खुलासा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद ग्रामीण शांत हुए। उन्होंने खुलासा न होने पर आंदोलन की धमकी दी। चंदन का शव छह जून को ओखलकांडा के डूंगरी गांव में मुख्य सड़क से करीब एक किमी अंदर जंगल में पड़ा मिला था। चंदन के भाई सुरेश सिंह के मुताबिक उनका भाई एक जून को ग्राम अमजड़ स्थित अपनी ससुराल से घर आने के लिए निकला था लेकिन घर नहीं पहुंचा। पुलिस ने हत्या की धारा में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उसके 56 दिन बाद भी पुलिस न हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर पाई और न ही हत्या की वजह पता चली। परिजनों को पुलिस कार्रवाई की जानकारी भी नहीं दी जा रही है।
यहां पहुंचे लोग शांतिपूर्वक जुलूस निकालकर एसएसपी कार्यालय तक जाने की अनुमति मांग रहे थे। पुलिस ने उन्हें बुद्ध पार्क में रोक दिया। ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ा तो एसपी सिटी हरबंस सिंह, सीओ भवाली प्रमोद साह मौके पर पहुंचे और छह घंटे तक बातचीत करते रहे लेकिन मृतक के बुजुर्ग मां-बाप की आंखों से बहते आंसू न रोक सके और न ही उन्हें संतुष्ट कर सके। नतीजतन पार्क में पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई और पुलिस पर लापरवाही और नजरंदाजी के आरोप लगने लगे। शाम चार बजे जब पुलिस ने 15 दिनों में मामले का खुलासा करने का आश्वासन दिया तब ग्रामीण धरने से उठे।
इस दौरान मृतक के भाई हरपाल सिंह और जयपाल सिंह के अलावा गजेंद्र गौनिया, मदन गौनिया, नरेंद्र गौनिया, सुरेश गौनिया, जयपाल गौनिया, प्रकाश मटियाली, दीपक मेवाड़ी, हरीश मेहरा, भगवान गौनिया, कुन्दन गौनिया, पान सिंह गौनिया, विजय सिंह रावत समेत अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।
छलकते आंसू और न्याय की उम्मीद खींच लाई हल्द्वानी
56 दिन से बेटे को न्याय दिलाने के लिए भटक रहे बुजुर्ग माता-पिता की जब हल्द्वानी पहुंचने के बाद भी एसएसपी से मुलाकात नहीं हुई तो न्याय की उम्मीद टूटने लगी। एक तरफ मृतक चंदन की मां मोहिनी देवी बेटे के दुख में इतनी बेसुध थीं कि आंखों के बहते आंसू ही उनकी जुबां पर थे। वहीं दूसरी तरफ चंदन के पिता शिवराज सिंह का कहना था कि करीब दो महीने से पुलिस न गांव पहुंची और न ही उनसे मुलाकात की। कार्रवाई के बारे में भी कुछ नहीं बताया। न्याय की उम्मीद के लिए एसएसपी से मिलने आए थे लेकिन वह भी नहीं हो सका। इसके बाद उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक धरने पर बैठे रहने का मन बना लिया
पुलिस चाहे तो सप्ताह भर में कर सकती है खुलासा: यशपाल आर्य
पीड़ित परिवार से बात की तो पुलिस कार्रवाई की धीमी रफ्तार की बात सुनकर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने नाराजगी जताई। नेता प्रतिपक्ष आर्य ने कहा कि पुलिस चाहे तो सप्ताह भर के भीतर मामले का खुलासा कर आरोपियों को गिरफ्तार कर सकती है लेकिन 56 दिन बाद भी पीड़ित परिवार का इस तरह धरना प्रदर्शन पर बैठना और पुलिस के पास कोई सुराग न होना यह बताता है कि पुलिस या तो लापरवाही कर रही है या फिर राजनैतिक दबाव में आकर दोषियों को बचाना चाहती है। आश्वासन न मिलने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य भी पीड़ित परिवार के साथ धरने पर बैठे गए।
चार थानों की पुलिस और एलआईयू भी रही मौजूद
सुबह 10 बजे से शुरू हुए धरना प्रदर्शन में मौके पर सीओ भवाली प्रमोद साह, कोतवाली एसओ हरेंद्र चौधरी, बनभूलपुरा एसओ नीरज भाकुनी, काठगोदाम एसओ प्रमोद पाठक, लालकुआं एसओ संजय सिंह, भोटिया पड़ाव चौकी और राजपुरा चौकी प्रभारी समेत बड़ी संख्या में महिला पुलिस बल व अन्य पुलिसकर्मी तैनात कर दिए गए। वहीं मौके की नजाकत को देखते हुए खुफिया विभाग भी सक्रिय रहा।
ये कहती है पुलिस
मामले में जब एसएसपी पंकज भट्ट से बात की गई तो उन्होंने बताया कि घटना राजस्व क्षेत्र की होने के बाद भी उसकी गंभीरता को जानते हुए नैनीताल पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया और उसकी जांच शुरू की। परिजनों की ओर से चंदन की हत्या में कुछ लोगों के शामिल होने का शक जाहिर किया गया था। उन सभी से पूछताछ भी की गई है। साथ ही संदेह होने पर दो लोगों के लाई डिटेक्टर टेस्ट की अनुमति भी ली गई थी। अनुमति मिलने के बाद 26 जुलाई को कालाढूंगी एसओ महेश जोशी और उनकी टीम के साथ दिल्ली भेजा गया है। वहीं पुलिस लगातार सीसीटीवी फुटेज समेत अन्य तरह की छानबीन भी कर रही है। लाई डिटेक्टर टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।