काशीपुर। साहित्य दर्पण की मासिक काव्य संध्या का आयोजन डॉ. मनोज आर्य के आवास द्रोण विहार में किया गया। अध्यक्षता डॉ. यशपाल सिंह रावत पथिक ने की। काव्य संध्या का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलन और सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कवि जितेंद्र कुमार कटियार ने अपनी रचना ‘मिल जाएगा सपनों का संसार, इच्छाएं कम करके देखो’, ‘छठ जाएगा गम जीवन से यार, सबको हंसा करके देखो’, कवि कैलाश चंद्र यादव ने स्वच्छ हो माता मेरी गंगा बेरोजगार को काम धंधा, नहीं कहीं बेवजह हो पंगा तभी फहरे घर-घर तिरंगा, कवि कवि डॉ.यशपाल रावत पथिक ने ‘आशा है अभिलाषा तुम हो, मेरे मन की भाषा तुम हो’, अल्हादित करती हर सुख से, सुख की अजब पिपासा तुम हो की प्रस्तुति दी।
कवि शेष कुमार सितारा ने अपनी रचना में कहा कि रंगीले सभी मैं सपन बेच दूंगा, सजीले सभी में वसन बेच दूंगा। पड़ा वक्त तुझ पर तो प्यारे वतन सुन, मैं यह तन पर पड़ा कफन बेच दूंगा। डॉ. मनोज आर्य ने कहा कि अजनबी हम गांव में अपने नजर आने लगे, बेअदब हमको हमारा फर्ज समझाने लगे। कवि सोमपाल सिंह प्रजापति, कवि सुरेंद्र अग्रवाल, शकुन सक्सेना राही, अनुराग चौधरी ने भी काव्य पाठ किया। काव्य संध्या का संचालन शकुन सक्सेना राही अंजाना ने किया।
मिल जाएगा सपनों का संसार, इच्छाएं कम करके देखों…
RELATED ARTICLES