विधानसभा बैकडोर से भर्ती कर्मचारी, क्या सीनियर आईएएस रैंक का वेतन और सुविधा ले सकता है? उत्तराखंड विधानसभा में अब तक यही हो रहा था। सचिव मुकेश सिंघल की नियुक्ति को अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने साफ तौर पर विवादित माना है, अब सिंघल का करियर दांव पर है। अध्यक्ष ऋतु खंडूडी ने कहा कि सचिव मुकेश सिंघल की नियुक्ति भी जांच के दायरे में है, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से आगामी आदेश तक छुट्टी पर भेज दिया गया है, उनकी नियुक्ति पर फैसला अब जांच के बाद ही होगा। इस बीच समिति को काम काज में सहयोग देने और विधानसभा के अन्य काम -काज के लिए किसी अधिकारी की तैनाती की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
मुकेश सिंघल के मामले में एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने आश्चर्य जताते हुए कहा कि उन्हें लेवल 14 का वेतनमान मिल रहा था, जो संघ लोक सेवा के रूप में देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा पास कर आने वाले आईएएस अधिकारी को 16 साल की सेवा के बाद मिलता है। यही नहीं उन्हें एक के बाद एक तीन प्रमोशन देकर विधानसभा सचिव बनाया गया। इस तरह वो सुविधाओं के मामले में भी अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के समकक्ष आ गए थे। यह अपने आप में व्यवस्था पर बड़ा सवाल है। सूत्रों के अनुसार पूर्व वित्त सचिव अमित नेगी और सौजन्या ने विधानसभा में भर्तियों और मनमाने प्रमोशन पर कई बार कड़ा पत्र भी लिखा लेकिन विशेषाधिकार की आड़ में सभी पत्र हवा कर दिए गए ।
विधानसभा सचिव सिंघल का दफ्तर सील, लंबी छुट्टी पर भेजा
स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने प्रेस कांफ्रेंस के तत्काल बाद ही विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल का दफ्तर अपनी मौजूदगी में सील करा दिया। बाकायदा इसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई। स्पीकर खंडूड़ी ने बताया कि जांच अफसर जब कहेंगे, तब ही सील को उनकी मौजूदगी में खोला जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बैकडोर भर्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज सिंघल अनुभाग के बजाय अपने दफ्तर में ही रखवाते थे।
विधानसभा बैकडोर भर्ती में थी बल्ले-बल्ले! IAS स्केल ले रहे थे सचिव मुकेश सिंघल
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