काशीपुर। यूपी और राजस्थान के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार और देहरादून के पशुओं में लंपी बीमारी के लक्षण मिलने के बाद काशीपुर का पशु चिकित्सा विभाग सतर्क हो गया है। बचाव के लिए पशुओं को टीके लगाए जा रहे हैं। अब तक 1100 पशुओं को टीके लगाए जा चुके हैं। साथ ही छह हजार पशुओं को टीके लगाए जाने का अभियान बुधवार से शुरू हो गया। विभाग ने यह काम एक सप्ताह में पूरा करने का दावा किया है।
गोवंश में यह बीमारी अधिक होती है। इससे पशुओं को तेज बुखार आता है। पशु चारा खाना व पानी पीना छोड़ देता है। उसके शरीर में गांठें पड़ जाती हैं जो तीन चार दिन में फूट कर छाले बन जाते हैं। पशुओं में यह बीमार राजस्थान में काफी तेजी फैल चुकी है। यूपी में भी कई भागों में इसका प्रभाव अधिक है। इधर उत्तराखंड में लंपी बीमारी देहरादून व हरिद्वार में दस्तक दे चुकी है। पशु चिकित्सा विभाग लंपी से क्षेत्र के पशुओं को बचाने के लिए सक्रिय हो गया है। विभाग ने दो तीन दिन पहले ही काशीपुर क्षेत्र में लंपी बीमारी से बचाव के लिए पशुओं के टीकाकरण अभियान शुरू कर दिया है और किसानों को लंपी बीमारी के लक्षणों की जानकारी देकर उन्हें सतर्क किया जा रहा है।
पशु में बीमारी के लक्षण दिखने पर अस्पताल को तुरंत दें सूचना
पशु चिकित्सालय काशीपुर के प्रभारी डॉ. मुकेश कुमार दुम्का ने बताया कि विभाग पूरी तरह सतर्क है। बुधवार से छह हजार पशुओं को टीके लगाने का अभियान शुरू किया गया है। पशु पालकों से अपील की गई है कि किसी भी पशु में बीमारी के लक्षण दिखने पर वह तुरंत सरकारी पशु चिकित्सालय में सूचना दें ताकि अन्य पशुओं को संक्रमित होने से बचाया जा सके। डॉ. दुम्का ने बताया कि उत्तराखंड में देहरादून व हरिद्वार में कई स्थानों पर गोवंश में लंपी के लक्ष्ण देखे गए हैं लेकिन जनपद ऊधमसिंह नगर में अभी तक इस बीमारी का कोई केस नहीं मिला है।
पशुओं पर मंडराया लंपी का खतरा, विभाग सतर्क
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