परिवहन मंत्री चंदन रामदास की ओर से परिवहन सचिव को खनन वाहनों की सरेंडर अवधि बढ़ाए जाने को लेकर भेजे गए पत्र का कोई असर नहीं हुआ। सोमवार को वाहनों की सरेंडर अवधि खत्म हो गई है और अब वाहन स्वामियों को टैक्स भरना होगा। खनन वाहन स्वामियों ने मांग की थी कि नदियों में खनन में लगे वाहनों की सरेंडर अवधि बढ़ाई जाए। वाहन स्वामियों का तर्क था कि स्टोन क्रशर उपखनिज नहीं ले रहे हैं। उनके पास पहले से ही माल मौजूद है। ऐसे में वाहनों को रिलीज कराने पर वाहन स्वामियों पर बेवजह टैक्स पड़ेगा। बीती 17 अक्तूबर को लालकुआं विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट के कहने पर परिवहन मंत्री चंदन रामदास ने परिवहन सचिव को पत्र लिखकर कहा था कि खनन वाहनों की सरेंडर अवधि दो माह और बढ़ा दी जाए।
इसके बाद माना जा रहा था कि वाहनों की सरेंडर अवधि बढ़ा दी जाएगी। करीब दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी संबंधित कार्यालयों में इसका आदेश नहीं भेजा गया। स्थानीय अधिकारियों के सामने भी असमंजस की स्थिति बनी रही। आखिरकार जब अधिकारियों ने मुख्यालय में पता किया तो पता चला कि इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि वाहनों की सरेंडर अवधि 31 अक्तूबर को समाप्त हो गई है। अब एक नवंबर से वाहन रिलीज माने जाएंगे। इस वजह से एक नवंबर से वाहन स्वामियों को टैक्स देना पड़ेगा। अगर समय पर टैक्स नहीं दिया गया तो जुर्माना भी लगेगा।
10 हजार वाहन स्वामियों पर पड़ेगा असर
सरेंडर अवधि न बढ़ने का असर करीब 10 हजार वाहन स्वामियों पर पड़ेगा। आरटीओ हल्द्वानी के अनुसार, उनके कार्यक्षेत्र में करीब 10 हजार खनन वाहन पंजीकृत हैं। नियम के अनुसार, एक साल में एक वाहन को छह माह से ज्यादा समय तक सरेंडर नहीं किया जा सकता है। खनन वाहनों की सरेंडर अवधि खत्म हो गई है। उनकी सरेंडर अवधि बढ़ाए जाने को लेकर कोई आदेश नहीं मिला है। इस वजह से अब वाहन स्वामियों को टैक्स देना होगा। – संदीप सैनी, आरटीओ (प्रशासन) हल्द्वानी।
वाहनों की सरेंडर अवधि खत्म, आज से खनन वाहन स्वामियों को देना होगा टैक्स, वरना लगेगा जुर्माना
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