उत्तराखंड के चकराता के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनिवार्य तबादले का आदेश नहीं मानने वाले शिक्षकों को पदोन्नति का इनाम देते हुए विभाग ने उनका दोबारा मनचाही जगहों पर तबादला कर दिया। जिस स्कूल में शिक्षक गए ही नहीं वहां से उनका तबादला कैसे कर दिया गया? इस सवाल पर मुख्य और जिला शिक्षा अधिकारी एक-दूसरे को जिम्मेदार बता रहे हैं। यह हाल तब है जब चकराता में 52 स्कूल एक-एक शिक्षक के भरोसे हैं। शिक्षा विभाग ने आठ जुलाई 2022 को तबादला एक्ट के तहत 13 शिक्षकों के सुगम से दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों में अनिवार्य तबादले किए थे। इनमें से कुछ शिक्षकों का देहरादून के चकराता ब्लॉक के दुर्गम स्कूलों में तबादला किया गया था। हालांकि, ये शिक्षक चकराता गए ही नहीं।
इसके बाद शिक्षा विभाग ने सात नवंबर को राजकीय प्राथमिक स्कूलों के 45 सहायक अध्यापकों को प्रधानाध्यापक के पद पर पदोन्नत किया। इनमें कई शिक्षक वे भी हैं जिनका आठ जुलाई को अनिवार्य तबादला हुआ था। शिक्षा विभाग की सूची के अनुसार चकराता ब्लॉक के दुर्गम क्षेत्र के स्कूलों से इन शिक्षकों का पदोन्नति के साथ विकासनगर, रायपुर आदि क्षेत्रों में तबादला किया गया है। चकराता ब्लॉक की खंड शिक्षा अधिकारी पूजा नेगी दानू का कहना है कि जिन शिक्षकों के चकराता ब्लॉक से तबादले किए गए हैं, वे यहां कभी नहीं रहे।
केस 1 :
शिक्षिका मीरा धीमान को पदोन्नत करते हुए राजकीय प्राथमिक विद्यालय मलेथा चकराता से प्राथमिक विद्यालय षष्टा विकासनगर में भेजा गया है। मलेथा के जिस स्कूल से शिक्षिका का तबादला दिखाया गया है वहां संपर्क करने पर बताया गया कि मीरा नाम की कोई शिक्षिका न है न थी।
केस 2 :
विभाग ने प्राथमिक विद्यालय किस्तुड़ चकराता से सहायक अध्यापिका वर्षा रानी का पदोन्नति के साथ प्राथमिक विद्यालय चलचला रायपुर में तबादला किया है। प्राथमिक स्कूल किस्तुड़ से बताया गया कि इस नाम की शिक्षिका स्कूल में कभी नहीं रहीं।
केस 3 :
सहायक अध्यापिका अनिता देवरानी का विभाग ने इसी स्कूल से इसी स्कूल में पदोन्नत कर तबादला दिखाया है। खंड शिक्षा अधिकारी पूजा नेेगी दानू के मुताबिक इस नाम की स्कूल में कोई शिक्षिका नहीं है। मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) के अनुमोदन के बाद यह तबादले किए गए हैं। हम सिर्फ प्रस्ताव भेजते हैं। बिना पदभार ग्रहण किए कई शिक्षकों का तबादला हुआ है। – आरएस रावत, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक), देहरादून।
मेरे पास न कोई पत्रावली आई न ही मुझसे किसी ने कोई अनुमोदन लिया। यदि किसी अधिकारी ने नियमों की अनदेखी की है तो संबंधित अधिकारी इसके लिए उत्तरदायी होगा। – मुकुल सती, सीईओ देहरादून।
गंभीर प्रकरण है, जांच कराकर दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। तबादला एक्ट और नियमों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए। – बंशीधर तिवारी, शिक्षा महानिदेशक।
उत्तराखंड में तबादला आदेश नहीं मानने वाले शिक्षकों को मिला प्रमोशन का इनाम, बनाया प्रधानाध्यापक
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