Thursday, October 31, 2024
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नेशनल हाईवे बना रही कंपनी ने अधूरा छोड़ा काम, रीटेंडर की तैयारी

रुद्रपुर। नेशनल हाईवे-87 का निर्माण कर रही सद्भाव कंपनी ने काम आधे में ही काम छोड़ दिया है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की ओर से कई बार चेतावनी देने के बाद भी कंपनी ने काम शुरू नहीं किया। अब बचे कार्य को पूरा करने के लिए फिर से टेंडर निकाले तैयारी की जा रही है। एनएच-87 का निर्माण फेज एक में रुद्रपुर से काठगोदाम के लिए सद्भाव कंपनी की ओर से किया जा रहा था। 49.7 किमी की इस सड़क का निर्माण करीब 650 करोड़ की लागत से किया जा रहा था। इस सड़क को वर्ष 2019 तक बना कर पूरा करना था। बाद में आर्बिटेशन में मामला होने के चलते सितंबर 2022 तक इसे पूरा करने का लक्ष्य दिया गया। इसमें कंपनी की ओर से करीब 55 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। बचे हुए कार्य का अब नया टेंडर किया जा रहा है जिसकी लागत करीब 300 करोड़ रुपये बताई जा रही है।
वहीं, फेज दो में रामपुर से रुद्रपुर तक करीब 43 किमी सड़क निर्माण का कार्य 738 करोड़ रुपये में किया जा रहा था। इस कार्य को भी सद्भाव कंपनी की ओर से किया जा रहा था जिसे कंपनी ने करीब 80 फीसदी तक पूरा कर लिया है। अब इस फेज का री-टेंडर भी एनएचएआई की ओर से कर दिया गया है जिसमें करीब 200 करोड़ की लागत से केसीसी कंपनी को नया ठेका दिया गया है। कंपनी को कार्य शुरू करने की कई बार चेतावनी दी गई लेकिन कार्य अधूरा ही रह गया है। ऐसे में अब रीटेंडर किया जा रहा है। नई कंपनी अधूरे कार्य को पूरा करेगी। नया कार्य शुरू करने में आने वाले खर्च को भी पुरानी फर्म से वसूल किया जाएगा। – योगेंद्र शर्मा, एनएचएआई, पीडी
कंपनी पर ढाई लाख रुपये रोज का जुर्माना
रुद्रपुर। एनएच-87 का निर्माण कर रही पहली कंपनी को अभी तक टर्मिनेट नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि नया कार्य शुरू होने में अभी एक वर्ष तक का समय लग सकता है। ऐसे में कंपनी से साल भर के लिए करीब आठ करोड़ रुपये का जुर्माना वसूल किया जाएगा। एनएचएआई अधिकारियों के मुताबिक करीब ढाई लाख रुपये रोज का जुर्माना पुरानी कंपनी पर पड़ रहा है।
सड़क के गड्ढों से जूझती रहेगी जनता
रुद्रपुर। एनएच-87 निर्माण की आस लगाए बैठी जनता को हल्द्वानी जाते समय सड़क के गड्ढों से मुक्ति पाने की भी उम्मीद थी। वहीं कंपनी के काम छोड़ने के बाद अब नई कंपनी के काम पूरा करने तक करीब एक से दो साल का समय लग सकता है। इस दौरान जनता को गड्ढों से होकर गुजरना होगा। वैसे एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि लोक निर्माण विभाग से गड्ढों को भरने के लिए कहा गया है।

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