रुद्रपुर। तराई में हुड़दंग मचाने वालों पर पुलिस अब ड्रोन से निगरानी रखेगी। इसके साथ ही आपदा के समय राहत और बचाव कार्य के लिए भी ड्रोन की मदद ली जाएगी। आपदा प्रबंधन विभाग के जरिये जिले के सभी पुलिस सर्किल को ड्रोन मुहैया कराने की कवायद हो रही है। बरसात के दौरान नदी के किनारे बसे इलाकों में आए दिन पानी भर जाता है। जब तक पुलिस व आपदा प्रबंधन विभाग को सूचना मिलती है तब तक लोगों में भगदड़ मच जाती है। भगदड़ होने से कभी-कभी जनहानि भी हो जाती है लेकिन अब पुलिस आपदा के संभावित स्थानों का ड्रोन से निरीक्षण कर अपनी नजर बनाए रखेगी ताकि समय रहते लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सके। आपदा होने के दौरान जिले की पुलिस अपने-अपने सर्किलों में ड्रोन आपदाग्रस्त स्थानों का निरीक्षण करेगी।
इसके अलावा विरोध-प्रदर्शन करने व धरना देने वाले लोगों की भी ड्रोन से निगरानी होगी। शासन ने आपदा प्रबंधन विभाग के जरिये पुलिस से ड्रोन की सूची मांगी है। जिला पुलिस ने अपने छह सर्किलों के साथ ही आठ ड्रोन की आवश्यकता जताई है। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने खुद के लिए भी तीन ड्रोन कैमरों की मांग की है। कुल मिलाकर शासन से 11 ड्रोन कैमरों की मांग की गई है। मौजूद समय में आपदा प्रबंधन विभाग के पास आठ ड्रोन हैं। हालांकि अब तक बड़ी घटनाएं होने पर पुलिस आपदा प्रबंधन विभाग के ड्रोन की सहायता लेती थी।
कोट
शासन ने पुलिस विभाग को ड्रोन देेने के लिए सूची मांगी थी। पुलिस विभाग ने आठ ड्रोन की मांग की है। इसके अलावा आपदा प्रबंध विभाग के लिए भी तीन ड्रोन की सूची शासन को भेजी है। वहां से ड्रोन आने के बाद पुलिस को दिए जाएंगे। – उमाशंकर नेगी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी।
ड्रोन से लैस होंगे जिले के पुलिस सर्किल
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