ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर कर्णप्रयाग के पास पंचपुलिया में चट्टान चौड़ीकरण का काम चल रहा है। बुधवार को इसी दौरान चट्टान दरकने से वहां से गुजर रहे एक बाइक सवार पूर्व सैनिक की दबकर मौत हो गई। वह कर्णप्रयाग से गौचर जा रहे थे। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद चट्टान हटाकर शव बाहर निकाला गया। साथ ही वहां काम कर रही मशीन चट्टान गिरने के बाद जल गई। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और बचाव व राहत कार्य शुरू करवाया। इन दिनों बदरीनाथ हाईवे पर पंचपुलिया में हाईवे चौड़ीकरण के लिए चट्टान तोड़ने का काम किया जा रहा है। कर्णप्रयाग के थानाध्यक्ष बृजमोहन राणा ने बताया कि बुधवार को अपराह्न 3.15 बजे पंचपुलिया में हाईवे पर कंप्रेशर से चट्टान पर छेद किया जा रहा था। मजदूर मशीन लगाकर कुछ दूरी पर बैठे थे।
तभी हाईवे के ऊपरी भाग से करीब 15 मीटर भाग में एक चट्टान टूटकर हाईवे पर आ गिरी। इसी दौरान वहां से पूर्व सैनिक जगदीश सिंह (42) पुत्र त्रिलोक सिंह, निवासी-सिरोली (भटोली) बुलट से गुजर रहे थे और वह चट्टान के नीचे दब गए। यह देख तुरंत घटनास्थल पर दोनों तरफ से दो मशीनों की मदद से चट्टान तोड़ने का काम शुरू किया गया। सूचना पर सीओ अमित सैनी, एसएचओ बृजमोहन राणा, तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव मौके पर पहुंचे। करीब डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद जगदीश को निकाला गया लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। इसके बाद शव उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग में भेज दिया गया। वहीं, हादसे के दौरान वहां पर काम कर रही मशीन चट्टान के नीचे दबने के बाद जल गई। क्षेत्र पंचायत सदस्य बृजेश बिष्ट ने बताया कि जगदीश सिंह का परिवार गौचर में किराए पर रहता है। बच्चे गौचर में केंद्रीय विद्यालय में पढ़ते हैं। वह किसी काम से कर्णप्रयाग आए थे और शाम को गौचर लौट रहे थे कि हादसा हो गया।
दो घंटे लगा जाम
चट्टान दरकने के बाद दो घंटे तक हाईवे पर वाहनों की आवाजाही बंद रही। शाम पांच बजे के बाद चट्टान हटाकर हाईवे पर वाहनों की आवाजाही हो सकी।
काम चलता रहा मगर वाहन नहीं रोके गए
पंचपुलिया के जिस भाग पर चट्टान तोड़ने का काम किया जा रहा है वहां पर काम करते समय भी वाहनों की आवाजाही लगातार जारी थी। बताया जा रहा है कि घटना के कुछ समय पहले भी वहां से काफी संख्या में वाहन गुजरे थे लेकिन कार्यदायी संस्था एचएचआईडीसीएल की ओर से यहां आवाजाही नहीं रोकी गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि घटनास्थल पर काम करते वक्त वाहन रोकने के लिए कोई सिग्नल तक नहीं हैं। अगर प्रभावित स्थान पर वाहनों की आवाजाही बंद की रहती तो हादसा होने से बच सकता था। कोटमामले की मजिस्ट्रेटी जांच की जाएगी। सड़कों पर काम के समय वाहनों की आवाजाही रोके जाने का नियम है। इस लापरवाही के मामले में जानकारी जुटाई जा रही है। यदि मामले में एचएचआईडीसीएल की लापरवाही पाई जाती है तो कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। कार्यदायी संस्था को भविष्य में हाईवे पर काम करने के दौरान कार्य बंद रखने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। – हिमांशु कफल्टिया, एसडीएम कर्णप्रयाग (चमोली)
कर्णप्रयाग के पास हाईवे चौड़ीकरण के दौरान दरकी चट्टान, दबकर पूर्व सैनिक की मौत
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