हल्द्वानी। खेती कर रहे किसानों के लिए अच्छी खबर है। सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के किसान औद्यानिक फसलों के अलावा रबी और खरीफ की फसलों में अब ड्रोन के माध्यम से लिक्विड रूप में उर्वरक और दवा का छिड़काव कर सकेंगे। कृषि निदेशालय ने ड्रोन बनाने वाली कंपनियों से मॉडल और मूल्य सूची मांगी है। कृषि विभाग ड्रोन खरीदने वाले किसानों को 80 प्रतिशत की सब्सिडी देगा। अमूमन एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में दो सौ लीटर दवा से काम चलता है। कम से कम क्षमता वाला ड्रोन 15 से 20 लीटर दवा या उर्वरक एक बार में ले जा सकता है।
अलग-अलग क्षमता के ड्रोन की कीमत भी अलग अलग है। वाणिज्यिक रूप में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन की कीमत दो से ढाई लाख रुपये तक बैठेगी। आम फसलों के अलावा औद्यानिक फसल आम, केला, लीची, सेब समेत 10 से 15 फीट ऊंचे पेड़ों पर जहां दवा का छिड़काव मुश्किल होता है वहां ड्रोन से किसानों को छिड़काव करना आसान हो जाएगा। नैनीताल जिले में रामनगर, कोटाबाग और हल्द्वानी के किसानों ने ड्रोन खरीदने की डिमांड भी दे दी है। कृषि विभाग ड्रोन आवेदन करने वालों को सब्सिडी देने से पहले ड्रोन का किस तरह उपयोग खेती में किया जा सकता है, उसका प्रदर्शन कराएगा।
कोट-
निदेशालय स्तर से किसानों को ड्रोन खरीदने पर अनुदान देने की तैयारी की जा रही है। नैनीताल जिले में तीन अलग-अलग ब्लाकों से आवेदन भी आ गए हैं। अगले तीन माह में इसे अमलीजामा पहना लिया जाएगा। – विकेश यादव, मुख्य कृषि अधिकारी, नैनीताल।
अब ड्रोन से खेतों में उर्वरक और दवा का छिड़काव करेंगे किसान
RELATED ARTICLES