नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) का हल्द्वानी में बटालियन हेडक्वार्टर 33 हेक्टेयर की जगह 23.57 हेक्टेयर में बनेगा। केंद्र सरकार ने जमीन के मामले को लेकर हरी झंडी दे दी है। एनडीआरएफ बटालियन हेडक्वार्टर के लिए पिछले दो साल से प्रयास किया जा रहा था। एनडीआरएफ का हेडक्वार्टर बनने के बाद उत्तराखंड में आपदाओं के समय तुरंत मदद मिल सकेगी। कुमाऊं में लगातार आ रही आपदाओं से निपटने के लिए सरकार ने एनडीआरएफ की एक यूनिट की स्थापना हल्द्वानी व उसके आसपास करने की योजना बनाई थी। इसके लिए तीनपानी में उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी के पास जमीन का चुनाव किया गया। तराई पूर्वी वन प्रभाग व एनडीआरएफ की टीम ने जनवरी 2021 में सर्वे भी किया। इसके बाद जमीन हस्तांतरण को लेकर ऑनलाइन प्रक्रिया भी शुरू कराई गई। अब मामले में वन एव पर्यावरण मंत्रालय ने जमीन को लेकर हरी झंडी दे दी है। लेकिन जमीन 33 हेक्टेयर से घटाकर 23.57 हेक्टेयर कर दी गई है। साथ ही कुछ शर्तों को पूरा करने को कहा है। एनडीआरएफ की टीम जल्द से जल्द जरूरी औपचारिकताएं पूरी कर हेडक्वार्टर का निर्माण करने की कोशिश में लगी है।
तीन जगह बनने हैं आरआरसी
उत्तराखंड में आपदा संभावित जिले पिथौरागढ़, उत्तराकाशी, चमोली में रीजनल रेस्पांस सेंटर (आरआरसी) का निर्माण किया जाना है। इन सेंटरों पर एनडीआरएफ की टीम रहेगी। आपदा की स्थिति में टीम इन आरआरसी से तुरंत मौके पर पहुंच सकेगी। इसको लेकर पूर्व में हुई बैठक में शासन ने सभी जिलाधिकारियों को आरआरसी के लिए जमीन उपलब्ध कराने से लेकर जरूरी कार्रवाई करने को कहा है। बटालियन हेडक्वार्टर के लिए वन विभाग से जमीन को लेकर केंद्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है। कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी हैं, उसके बाद जल्द से जल्द हेडक्वार्टर के निर्माण का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही आरआरसी बनाने को लेकर भी जरूरी कार्रवाई की जा रही है। एसके दराल कमांडेंट, एनडीआरएफ
आपदा में अब पहले से ज्यादा जल्दी शुरू होगा राहत कार्य,एनडीआरएफ बटालियन हेडक्वार्टर को मिली जमीन
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