झांसी।
उत्तर प्रदेश के झांसी में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (CGST) विभाग की डिप्टी कमिश्नर समेत पांच लोगों को रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। CBI की एंटी करप्शन ब्रांच, लखनऊ की टीम ने 70 लाख रुपये की घूस लेते हुए CGST के अधिकारियों को रंगेहाथ पकड़ लिया। इस कार्रवाई के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।
CBI के अनुसार, यह कार्रवाई गोपनीय सूचना के आधार पर की गई। सूचना मिली थी कि झांसी में तैनात CGST की डिप्टी कमिश्नर प्रभा भंडारी, टैक्स अधीक्षक अनिल तिवारी और अजय कुमार शर्मा एक हार्डवेयर कारोबारी से टैक्स से जुड़े मामले को रफा-दफा करने के बदले 1.50 करोड़ रुपये की रिश्वत मांग रहे हैं। इस पूरे सौदे में अधिवक्ता नरेश कुमार गुप्ता की भी अहम भूमिका बताई जा रही है।
70 लाख की घूस लेते पकड़े गए अधिकारी
CBI की टीम मंगलवार को झांसी पहुंची और पूरी योजना के तहत जाल बिछाया। जैसे ही कारोबारी ने दोनों टैक्स अधीक्षकों को 70 लाख रुपये की घूस सौंपी, CBI ने उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद डिप्टी कमिश्नर समेत अन्य आरोपियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई।
छापेमारी में 1.70 करोड़ से ज्यादा नकदी बरामद
CBI की छापेमारी के दौरान आरोपियों के घरों और अन्य ठिकानों से करीब 90 लाख रुपये नकद, चांदी के बार, सोने के आभूषण और कई अहम दस्तावेज बरामद किए गए हैं। कुल मिलाकर कार्रवाई के दौरान लगभग 1.70 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी और कीमती सामान मिलने की पुष्टि हुई है। इसके अलावा, कई अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
दिल्ली में थीं डिप्टी कमिश्नर
छापेमारी के समय डिप्टी कमिश्नर प्रभा भंडारी के दिल्ली में होने की जानकारी सामने आई। इसके बाद CBI अधिकारियों ने उनसे संपर्क कर तत्काल झांसी आने को कहा। हालांकि, खबर लिखे जाने तक वह झांसी नहीं पहुंची थीं। CBI की टीम ने उनके आवास की तलाशी ली है और उनके लौटने के बाद बैंक लॉकर व अन्य ठिकानों की भी जांच की जाएगी।
ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ले जाएगी CBI
बुधवार को सभी आरोपियों का मेडिकल परीक्षण कराने के बाद CBI उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ ले जाने की तैयारी में है। वहां उनसे आगे की पूछताछ की जाएगी और मामले से जुड़े अन्य पहलुओं की भी जांच की जाएगी।
CBI की इस बड़ी कार्रवाई के बाद CGST विभाग में अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं और मामले में आगे और भी खुलासों की संभावना जताई जा रही है।