रुद्रपुर। 23वीं यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल प्रतियोगिता के महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल की टीम ने केरल को 3-0 से शिकस्त देकर ट्रॉफी पर कब्जा किया। वहीं, हार्ड लाइन का तीसरा मुकाबला हरियाणा ने तमिलनाडु को 3-0 से हराकर तृतीय स्थान हासिल किया है। विजेता टीम को साढ़े छह फीट ऊंची ट्रॉफी देने के साथ ही एक लाख रुपये की राशि का चेक सौंपा गया। उपविजेता टीम को 60 हजार और तृतीय स्थान हासिल करने वाली टीम को 40 हजार रुपये का चेक दिया गया। शनिवार को मनोज सरकार स्पोर्ट्स स्टेडियम में शाम छह बजे से महिला वर्ग में केरल व पश्चिम बंगाल की टीम के बीच मुकाबला हुआ। इसमें केरल ने बाजी मारकर ट्रॉफी अपने नाम की। इससे पहले सेमीफाइनल में केरल ने तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल ने हरियाणा को हराकर फाइनल में जगह बनाई। वहीं, पुरुष वर्ग में हरियाणा ने कर्नाटक की टीम को 3-0 और तमिलनाडु ने दिल्ली को 3-1 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। पुरुष वर्ग में देर रात तक मुकाबले जारी रहे। वहां डीएम युगल किशोर पंत, भारतीय वॉलीबाल महासंघ के सीईओ राम अवतार सिंह जाखड़, वॉलीबाल महासंघ के कोषाध्यक्ष सुनील तिवारी, उत्तरांचल ओलंपिक संघ के महासचिव डॉ. डीके सिंह, उप शिक्षा अधिकारी डॉ. गुंजन अमरोही, कौशल सिंह, मृत्युंजय आदि थे।
उत्तराखंड की टीम को नहीं मिली जीत
रुद्रपुर। उत्तराखंड की महिला व पुरुष टीम ने अभी तक यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल स्पर्धा में जीत दर्ज नहीं की है। खेलों को बढ़ाने के लिए सरकार को ठोस प्रयास करने होंगे। भारतीय वॉलीबाल महासंघ के रिकॉर्ड में अब तक पहले स्थान पर उत्तराखंड की टीम नहीं रही।
यूथ वॉलीबाल में अब तक 16 बार विजेता रही है केरल टीम
रुद्रपुर। वर्ष 1995 से अब तक देशभर के विभिन्न राज्यों में हुई यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल प्रतियोगिता में महिला वर्ग की केरल टीम 16 बार राष्ट्रीय प्रतियोगिता में जीत चुकी है। देश की पहली यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल स्पर्धा पश्चिम बंगाल के बुर्धवन में खेली गई। इसमें पुरुष वर्ग में कर्नाटक व महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल की टीम ने जीत दर्ज की थी।
भारतीय वॉलीबाल महासंघ कार्यालय के मुताबिक वर्ष 1996 में कर्नाटक में हुई दूसरी राष्ट्रीय प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में कर्नाटक व महिला वर्ग में केरल की टीम ने जीत दर्ज की थी। वर्ष 1997 में पुरुष वर्ग में आंध्र प्रदेश व महिला वर्ग में केरल ने जीत दर्ज की। वर्ष 1998 में राजस्थान में हुई चौथी यूथ राष्ट्रीय प्रतियोगिता में महिला व पुरुष वर्ग में केरल की टीम ने बाजी मारी। वर्ष 1999 में कर्नाटक में हुई प्रतियोगिता में महिला वर्ग में केरल व पुरुष वर्ग में पंजाब की टीम ने बाजी मारी। वर्ष 2001 में कर्नाटक में हुई प्रतियोगिता में महिला व पुरुष वर्ग में केरल की टीम ने बाजी मारी। वर्ष 2006 में कर्नाटक में हुई प्रतियोगिता के पुरुष वर्ग में कर्नाटक व महिला वर्ग में केरल की टीम ने जीत दर्ज की। वर्ष 2012 में महिला वर्ग में केरल, वर्ष 2014 में महिला वर्ग में केरल, वर्ष 2015 में महिला वर्ग में केरल, वर्ष 2016 में महिला वर्ग में केरल और वर्ष 2018 में भी केरल की टीम विजेता रही है। 23वीं यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल स्पर्धा में केरल की टीम को पश्चिम बंगाल की टीम से हार का सामना करना पड़ा।
75 किमी. दूर जाकर लेना पड़ता था प्रशिक्षण
रुद्रपुर। वर्ष 1995 में हुई पहली यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल स्पर्धा जीतने के 24 साल बाद वर्ष 2019 में पश्चिम बंगाल की महिला टीम ने जीत दर्ज की थी। अब वर्ष 2022 में पश्चिम बंगाल की टीम ने तीसरी बार 23वीं यूथ राष्ट्रीय वॉलीबाल स्पर्धा की ट्रॉफी पर कब्जा किया। अपने खेल को निखारने के लिए खिलाड़ी 75 किलोमीटर दूर जाकर वॉलीबाल मैदान में प्रशिक्षण लेते थे।
हर बार केरल की टीम के साथ कड़ा मुकाबला हुआ है। कभी ऐसा भी रहा है कि टीम उपविजेता रही। दूसरे स्थान से पहले स्थान में आने के लिए खिलाड़ियों ने आठ-आठ घंटे प्रशिक्षण लिया है।
कई खिलाड़ी 75 किमी दूर से आकर वॉलीबाल खेल का प्रशिक्षण लेते रहे। -मीता बनर्जी, कोच, पश्चिम बंगाल।
वॉलीबाल का खेल मैदान घर के पास नहीं होने से 75 किलोमीटर दूर जाकर कोच से प्रशिक्षण लिया है। प्रशिक्षण के दौरान सुबह से शाम हो जाती थी। पहला स्थान हासिल करने के लिए करीब आठ घंटे तक मेहनत की है। -देवांशी तिवारी, यूनिवर्सल राष्ट्रीय खिलाड़ी, पश्चिम बंगाल।
यूथ नेशनल में ज्यादातर केरल की महिला टीम विजेता रही है। कोविड-19 के चलते खिलाड़ियों ने घरों में प्रशिक्षण लिया। खेल मैदान बंद होने के चलते ज्यादा प्रशिक्षण नहीं मिल पाया। उसके बाद भी टीम उपविजेता रही है जो गर्व की बात है। -ज्वैल, महिला टीम कोच, केरल।
टीम के दूसरे स्थान पर पहुंचने की खुशी है लेकिन पहला स्थान हासिल नहीं करने पर थोड़ी निराशा हुई है। अगली बार कड़ी मेहनत की जाएगी और राष्ट्रीय प्रतियोगिता में दमखम दिखाया जाएगा। –नंदना वी, राष्ट्रीय खिलाड़ी, केरल
वॉलीबाल: महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल बनीं राष्ट्रीय चैंपियन
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