काशीपुर। प्रथम एडीजे की अदालत ने फौजदारी के एक मुकदमे में अवर न्यायालय के आदेश का अपास्त कर दिया है। अदालत ने माना कि इस मुकदमे में तलबी आदेश जारी करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं थे।
कटोराताल निवासी सुमित सक्सेना ने अवर न्यायालय में परिवाद दायर किया था कि उसका विवाह बरेली निवासी नरेंद्र जौहरी की पुत्री के साथ हुआ था। उसका छह वर्षीय पुत्र भी है। पत्नी का व्यवहार उसके और परिजनों के प्रति ठीक नहीं था। इस संबंध में उसने अपने ससुर आदि से बात की तो उन्होंने बेटी को समझाने की बजाय उलटे उसे ही धमकाना शुरू कर दिया। आरोप है कि एक सितंबर 2020 को उसके ससुर नरेंद्र, साला रजत व विकास राय उसके घर आए और अभद्रता करते हुए जान से मारने की धमकी दी। उसने शिकायत पुलिस से की लेकिन पत्नी महिला हेल्प लाइन में काउंसलिंग के लिए भी नहीं पहुंची। परिवाद पर सुनवाई कर न्यायालय ने 18 नवंबर को आरोपियों के खिलाफ तलबी आदेश पारित कर दिया। नरेंद्र ने इस आदेश को अपने अधिवक्ता धर्मेंद्र तुली के माध्यम से प्रथम एडीजे के न्यायालय में चुनौती दी। निगरानी याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रथम एडीजे सुबीर कुमार ने अवर न्यायालय के 18 नवंबर, 2021 के आदेश को अपास्त कर दिया।
फौजदारी वाद में अवर न्यायालय के आदेश को एडीजे ने किया अपास्त
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