Monday, January 13, 2025
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बुरे दौर से गुजर रहा टीएचडीसी हाइड्रो पावर प्रौद्योगिकी संस्थान

प्रदेश का पहला टीएचडीसी हाइड्रो पावर प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी संस्थान निदेशक से लेकर प्रोफेसरों की कमी के कारण बुरे दौर से गुजर रहा है। संस्थान में चार साल से निदेशक नहीं होने के कारण व्यवस्थाएं चरमरा रही है। संस्थान में शुरूआती दौर में छात्र संख्या से 12 सौ से अधिक पहुंच गई थी, लेकिन शिक्षकों की कमी और संसाधनों के अभाव में अब छात्र संख्या घटकर लगभग करीब सात सौ ही रह गई है। कॉलेज में प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसरों के 40 पद खाली चल रहे हैं।
टीएचडीसी हाइड्रो पावर संस्थान की स्थापना वर्ष 2009-10 में हुई थी। बीटेक में मेकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रानिक, इलैक्ट्रीकल, कंप्यूटर साइंस की कक्षाएं शुरू हुई थी। शुरूआती दौर के पांच-छह वर्षों तक संस्थान में प्रवेश के लिए छात्रों की होड़ लगी रहती थी। संस्थान की सभी सीटें भर जाती थी। छात्र संख्या भी 12 सौ के करीब थी। साथ ही चार वर्षीय बीटेक पासआउट होने के बाद देश के प्रतिष्ठित संस्थान छात्रों का कैंपस प्लेसमेंट कर रोजगार देते थे, लेकिन 2018-19 के बाद संस्थान बुरे दौर से गुजरने लगा। चार साल से संस्थान में निदेशक, स्थाई उप कुलसचिव का पद रिक्त चल रहा है, जबकि सरकार की ओर से स्वीकृत 40 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों की स्वीकृति दी थी। संस्थान इन पदों को भरने के लिए 2018 में आवेदन भी मांगे थे, लेकिन इस बीच संस्थान के निदेशक का प्रतिनियुक्ति कार्यकाल समाप्त होने के कारण प्रोफेसरों के पदों पर नियुक्तियां नहीं हो पाई। तब से न तो स्थाई निदेशक की नियुक्ति हो पाई और न ही प्रोफेसरों की। जिससे संस्थान में अव्यवस्थाएं बनी हुई है। संस्थान में छोटी-छोटी बातों को लेकर आए दिन विवाद भी होता रहता है। केवल 15 प्रोफेसर ही पठन-पाठन कर रहे हैं। नवंबर 2021 में सरकार ने निदेशक के लिए आवेदन भी मांगे थे, लेकिन सात माह बीतने के बाद भी नियुक्ति नहीं हो पाई।
मैने लड़ झगड़कर देश का पहला हाइड्रो पावर संस्थान टिहरी में लाया था, लेकिन मुझे दुख है कि 10 साल में संस्थान आगे बढ़ने के बजाए बुरे दौर में चला गया। संस्थान की व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए सरकार से वार्ता की जा रही है। जल्द ही समस्याओं का समाधान करने की कोशिश की जाएगी। – किशोर उपाध्याय, विधायक टिहरी।
निदेशक की नियुक्ति के लिए पूर्व में आवेदन मांगे गए थे। अब निदेशक की नियुक्ति को तकनीकी विवि के कुलपति की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर दी गई है। कमेटी को जल्द बैठक करने को कहा गया है। उम्मीद है कि एक माह के अंदर नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। – रविनाथ रमन, सचिव तकनीकी शिक्षा

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