चारधाम यात्रा के दौरान बारिश या किन्हीं और कारणों से मुख्य सड़कों के बाधित होने पर सरकार की ओर से वैकल्पिक मार्गों का एक्शन प्लान तैयार किया गया है। मुख्य मार्गों के बंद होने की स्थिति में जिला प्रशासन के सहयोग से ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट किया जाएगा। मानसून के दौरान चारधाम यात्रा मार्गों पर भूस्खलन के चलते अकसर मार्ग बंद हो जाते हैं। इस दौरान भारी मात्रा में मलबा आ जाने से गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ मार्ग जगह-जगह से बाधित हो जाता है। इसलिए शासन की ओर से यात्रा से पूर्व ही चारधाम मार्ग के लिए वैकल्पिक रास्तों का एक रोडमैप तैयार किया गया है। मार्ग खोले जाने तक ट्रैफिक को इन वैकल्पिक रास्तों पर डाइवर्ट किया जा सकेगा। इस अलावा मार्गों को खोलने के लिए खंड स्तर पर जेसीबी की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं।
ऋषिकेश-बदरीनाथ मार्ग के बंद होने पर ये हैं विकल्प
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग-58 यदि ऋषिकेश-ब्रहमपुरी के मध्य बाधित हुआ तो गरूड़चट्टी से लक्ष्मणझूला और बैराज मार्ग विकल्प होगा। ऋषिकेश से देवप्रयाग मार्ग अवरूद्ध होने पर देवप्रयाग-गजा, खाड़ी, नरेंद्रनगर-ऋषिकेश से, देवप्रयाग-पौड़ी-कोटद्वार से और देवप्रयाग-बागवान-मलेथा-गडोलिया-नई टिहरी-चंबा से ऋषिकेश निकला जा सकता है। बागबान से श्रीनगर के बीच बाधा आने पर खांकरा-खेड़ाखाल-छातीखाल-डुंगरीपंत का विकल्प है, जबकि रुद्रप्रयाग से कर्णप्रयाग के मध्य अड़चन होने पर कर्णप्रयाग-गैरसैंण, रानीखेत-हल्द्वानी व पैठाणी- बुआखाल-कोटद्वार और कर्णप्रयाग से चमोली के बीच बाधा आने पर चमोली-गोपेश्वर-चोपता-कुंड-रुद्रप्रयाग से निकला जा सकता है।
ऋषिकेश-केदानाथ मार्ग के ये हैं विकल्प
रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के बीच बाधित होने पर रूद्रप्रयाग-तिलवाड़ा-घनसाली-टिहरी-ऋषिकेश। तिलवाड़ा-कुंड बंद होने पर कुंड-चोपता-गोपेश्वर-चमोली, कुंड से गुप्तकाशी बंद होने पर गुप्तकाशी-मयाली-घनसाली-टिहरी- ऋषिकेश का विकल्प होगा। इसके अलावा पीपलडाली रजाखेत मार्ग भी एक विकल्प है। ऋषिकेश से गंगोत्री के विकल्पऋषिकेश से खाड़ी बंद होने पर ऋषिकेश-देवप्रयाग-गजा-खाड़ी विकल्प है। खाड़ी-चंबा बाधित होने पर चंबा-गजा-खाड़ी विकल्प है। चंबा से नगुण बंद होने पर नगुण-भवान-मसूली-देहरादून का विकल्प है। नगुण-धरासू बैंड बाधित होने पर धरासू बैंड-बड़कोट- देहरादून विकल्प है। धरासू बैंड से उत्तरकाशी बाधित होने पर उत्तरकाशी-प्रतापनगर-घनसाली-टिहरी विकल्प है। उत्तरकाशी से गंगोत्री के बंद होने पर कोई और विकल्प नहीं है। जबकि देहरादून का ट्रेफिक सीधे सुवाखोली होते हुए चिन्यालीसौड़ पहुंच सकता है।
ऋषिकेश से यमुनोत्री मार्ग का विकल्प
ऋषिकेश-देहरादून-मसूरी-बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग के बाधित होने पर गंतव्य तक पहुंचने के चार वैकल्पिक मार्ग तय किए गए हैं। यमुना ब्रिज से नैनबाग के बीच बाधित होने पर यमुना ब्रिज-लखवाड़ बैंड-लक्स्यार-नैनबाग का विकल्प है। नैनबाग-नौगांव बाधित होने पर नौगांव-पुरोाल-त्यूनी-चकराता-देहरादून का विकल्प होगा। इसके अलावा बर्नीगाड-लाखामंडल-चकराता-देहरादून भी एक विकल्प है। नौगांव से बड़कोट का विकल्प नौगांव घाटी से राजगढ़ी का विकल्प है। बड़कोट-यमुनोत्री मार्ग बाधित होने पर कोई विकल्प नहीं है। इस बार यात्रा शुरू होने से पहले ही वैकल्पिक मार्गों का एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है। वैकल्पिक मार्गों की स्थित पर रिपोर्ट मंगा ली गई है। सभी मार्ग अच्छी स्थिति में हैं। जहां थोड़ा बहुत कमी है, उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा बाधित होने वाली सड़कों को खोलने के लिए पूरे इंतजाम किए गए हैं। विभाग प्रमुख व जिलाधिकारियों को पहले ही दिशा निर्देश दे दिए गए हैं। चारधाम मार्ग को खोलने के लिए विशेष रणनीति तैयार रखी जाए। – आरके सुधांशु, प्रमुख सचिव, लोनिवि
मुख्य यात्रा मार्गों के बंद होने पर वैकल्पिक मार्गों का एक्शन प्लान तैयार
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