धारचूला (पिथौरागढ़)। सेना की ओर से तीन दिवसीय पोर्टर भर्ती धारचूला में शुरू हो गई है। सोशल मीडिया पर सैनिकों की भर्ती की अफवाह के चलतेबाहरी राज्यों के सैकड़ों युवा भी यहां आ पहुंचे। यहां आकर उन्हें पता चला कि ये छह महीने रोजगार देने वाली पोर्टर भर्ती है। सैकड़ों किलोमीटर दूर से तमाम मुसीबतों को झेलते हुए यहां पहुंचे युवाओं को इससे भारी निराशा हुई। सेना की ओर से धारचूला में पोर्टर भर्ती का आयोजन किया जा रहा है। इस भर्ती में भारत के साथ ही नेपाल, भूटान के युवा भी शामिल हो सकते हैं। भर्ती 51 पद मेट, ट्रेड्समैन, 549 पद पोर्टर, सफाईवाला (कुल 600) के लिए हो रही है। इसके लिए छह हजार से ज्यादा युवा पहुंच गए। पहले दिन भर्ती में करीब 400 युवाओं ने प्रतिभाग किया जिनका मेडिकल और कागजों की जांच की गई। सेना की पोर्टर भर्ती पिछले नौ सालों से छह महीने के लिए खोली जाती है। इस भर्ती से स्थानीय लोगों को छह माह का रोजगार मिलता है।
बाहरी राज्यों के युवाओं के आने से होटल, लॉज फुल
धारचूला (पिथौरागढ़)। बाहरी प्रदेशों के युवा पोर्टर भर्ती को सेना भर्ती समझ कर धारचूला पहुंचे। इससे नगर में भारी भीड़ हो गई। नगर के सारे होटल और लॉज भर गए। कई युवाओं ने दुकानों के बाहर, तहसील कार्यालय के प्रांगण में खुले में सोकर रात बिताई। हरियाणा, यूपी, राजस्थान के युवा इस भर्ती में शामिल होने पहुंचे हैं। मेरठ से आए विक्रांत नागर ने बताया कि लंबे समय से रोजगार की तलाश में हूं। सेना की भर्ती भी लंबे समय से नहीं हुई है। सेना की इस भर्ती का पता चलने पर यहां आ गया। एक अभ्यर्थी मनोज ने बताया कि उसे सोशल मीडिया के माध्यम से सेना भर्ती की जानकारी मिली। अन्य साथियों के साथ वह यहां आ गया। यहां आकर पता चला कि यह सेना की भर्ती नहीं है।
प्रशासन से लगाई व्यवस्था की गुहार
धारचूला (पिथौरागढ़)। व्यापार मंडल के पदाधिकारियों ने रात में युवाओं की भीड़ देखते हुए प्रशासन से युवाओं के लिए रात्रि विश्राम की व्यवस्था करने की मांग की। इस पर प्रशासन ने युवाओं को ब्लॉक सभागार में जगह उपलब्ध कराई है। पुलिस ने भी नगर में गश्त लगाई। व्यापार मंडल अध्यक्ष भूपेंद्र थापा ने भोजनालय और होटल व्यापारियों से वाजिब दाम ही लेने की अपील की।
रोडवेज बसों में रही ओवरलोडिंग
टनकपुर/चंपावत। बस की सभी सीटें फुल, लोग खड़े-खड़े और इसके बाद भी बस की छत में चढ़े हैं। ये हाल किसी निजी या डग्गामार बस के नहीं हैं, बल्कि ये तस्वीर रोडवेज की बस की है। पहाड़ जाने वाली बसों में एक-एक सीट के लिए बुधवार को मारामारी मची। टनकपुर के रोडवेज स्टेशन में चंपावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ मार्ग पर जाने वाली बसों में भारी भीड़ रही। इनमें ज्यादातर युवा चंपावत में चल रही पुलिस की भर्ती और धारचूला में सेना की पोर्टर की भर्ती के अभ्यर्थी थे। सेना में पोर्टर की भर्ती को सोशल मीडिया में फौज की भर्ती बता दिया गया। इस कारण मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के युवा भी यहां पहुंच गए। भारी भीड़ की वजह से बसों के आते ही पलभर में सभी सीटें फुल होती रहीं। यात्री बस की खिड़कियों से भीतर जाने की कोशिश करते दिखे। काफी लोग छतों पर बैठकर यात्रा करने के लिए मजबूर हुए। रोडवेज के एजीएम केएस राणा का कहना है कि पहाड़ी मार्ग पर तीन अतिरिक्त बसें चलाई गईं लेकिन ये संख्या यात्रियों की अपेक्षा बेहद कम थी। पूर्णागिरि मेले की वजह से अधिकतर जीप-टैक्सियों के ठुलीगाड़ रूट पर लाने से चंपावत मार्ग पर जीपों की भी कमी है। इससे भी दिक्कत बढ़ रही है।
युवाओं की ये भीड़ धारचूला में सेना की भर्ती की कुछ सोशल मीडिया में आई अफवाह से हुई है जबकि सच यह है कि धारचूला में सैनिकों की नहीं बल्कि सेना के पोर्टर की भर्ती की जा रही है लेकिन फिर भी यात्रियों को असुविधा न हो, इसके लिए तीन अतिरिक्त बसें लगवाई गई हैं। – हिमांशु कफल्टिया, एसडीएम, चंपावत।
सेना की पोर्टर भर्ती में पहुंचे हजारों युवा
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