चार दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन संध्या में खरना से व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ किया। अब सोमवार को सुबह सूर्य को प्रातः काल का अर्घ्य देने के बाद व्रत खोला जायेगा। सुबह से ही खरना के लिए व्रतियों ने तैयारी शुरू कर दी थी। बर्तनों को मांज धोकर तथा घर आंगन की जमीन को गाय के गोबर से पवित्र किया। फिर शाम को आम की लकड़ी, गाय का दूध, गुड़ और घर में धोकर सुखाये और घर मे ही पीसे गये आटे से शाम को ‘रसियाव ‘ (गुड़ की खीर) रोटी’ का प्रसाद बनाया। फिर उसे कुलदेवता को अर्पित किया। संध्या के सूर्य देव को भोग लगा कर उस प्रसाद को ग्रहण (खरना) किया। पूर्वा सांस्कृतिक मंच के संस्थापक महासचिव सुभाष झा ने बताया कि खरना के दिन भी व्रती महिलायें दिनभर उपवास रहकर खरना की तैयारी करती हैं और संध्या में खरना के साथ हीं निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाता है जो सुबह के अर्घ्य के पश्चात समाप्त होता है।
छठ घाटों की तैयारी सजावट में जुटा समाज
सुबह से ही शहर के सभी छठ घाटों पर तैयारियां तेजी से चल रही थी। घाटों को सजाने का काम चल रहा था। पूर्वा सांस्कृतिक मंच के सभी घाटों के प्रभारियों को अपने-अपने घाटों की सजावट व अंतिम चरण की तैयारी के लिए पहुंचने का निर्देश दिया गया था। मंच के अध्यक्ष एचएस राव, कार्यकारी अध्यक्ष डा. लालिमा बर्मा, सचिव डा अनंतमणि त्रिवेदी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डा. जेपी यादव और उपाध्यक्ष डा. एक्यू अंसारी, कोषाध्यक्ष डा. एएन पाण्डेय, मुख्य संरक्षक डा. बुद्धि नाथ मिश्र सहित आठ सदस्यीय टीम को अलग-अलग नौ-नौ घाटों का परीक्षण करने को भेजा गया। ताकि तैयारी में कोई कमी न रहे। हरवंशवाला, रायपुर, चंद्रबनी, केशरवाला, गढी कैंट , सिंघल मंडी, सिलाकुई , काठबंग्ला सहित मंच के सभी अठारह घाटों पर बिजली के बल्बों, लडियां, शामियाना आदि से सजाने का काम दिन भर चलता रहा। दून का सबसे लंबे हरवंशवाला छठ घाट पर सैकड़ों केले के पेड़ों को सजाने के लिए छोटी गाड़ीयों से ढुलाई चलती रही। हरवंशवाला घाट पर हरिश्चंद्र चंद्र झा, नंदकिशोर प्रजापति, रामविलास गुप्ता, अजीत कुमार झा, रायपुर में शारदा प्रसाद, केवल मंडल, केशरवाला में नवलेश कुमार, सिंघलमंडी में थर्मेंद्र राम, इंदल यादव, भूपेंद्र यादव, चंद्रबनी में अवधेश पंडित, शंभू प्रसाद, गढी कैंट में अखिलेश यादव, काठबंग्ला में जगदानंद झा अपने अपने टीम के घाट को तैयार करने में लगे रहे। बिहारी महासभा ने टपकेश्वर घाट पर सफाई व सजावट का काम पूरा कर लिया है।
छठ माई की अराधना कर व्रतियों ने किया खरना
RELATED ARTICLES