नैनीताल। राज्य में उद्यान विभाग में भ्रष्टाचार को गंभीर मानते हुए हाईकोर्ट ने उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर सिंह बवेजा को 28 मार्च को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने मामले में राज्य सरकार, सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग को मामले को गंभीरता से लेने के आदेश देते हुए मामले का स्थलीय निरीक्षण कर रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है। मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। अल्मोड़ा के सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि उद्यान निदेशक ने फर्जी नर्सरी अनिका ट्रेडर्स एवं पौधशाला को राज्य में विभिन्न योजनाओं से करोड़ों की लागत से लगाए जा रहे शीतकालीन फलदार पौधों का आवंटन कर दिया।
याचिका में आरोप लगाया कि निदेशक ने भ्रष्टाचार कर पौधों के नाम पर करोड़ों की गड़बड़ी कर सरकार को नुकसान पहुंचाया है। तीन दिन के भीतर पहले अनिका ट्रेडर्स को बड़कोट, उत्तरकाशी में दिखाते हुए राज्य में विभिन्न योजनाओं के तहत पौधों का आवंटन कर दिया गया। जब उत्तरकाशी के बागवानों ने इसका विरोध किया तो इसकी जांच पड़ताल जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने उपजिलाधिकारी पुरोला से करवाने के आदेश दे दिया। इसके बाद निदेशक ने अनिका ट्रेडर्स की नर्सरी का नाम ओडगाव की जगह लोधन, उत्तरकाशी दिखाकर गुमराह करने की साजिश की और लोधन गांव के किसी दूसरे किसान के बगीचे का निरीक्षण करवा दिया। याचिका में कहा गया कि जब यहां से भी चोरी पकड़ में आने का डर हुआ तो निदेशक ने अनिका ट्रेडर्स एवं पौधशाला का जम्मू कश्मीर की ग्रीन नर्सरी के साथ बांड होने की बात कहते हुए इन पौधों को बंटवाना प्रारंभ कर दिया।
उद्यान निदेशक को कोर्ट में पेश होने के निर्देश
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