अल्मोड़ा। द हंगर प्रोजेक्ट की जिला स्तरीय एडवोकेसी बैठक में पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जिला स्तरीय अधिकारियों से समस्याएं सुलझाने की मांग की। बताया कि नहरें टूटने से फसलों की सिंचाई प्रभावित हो रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी गोपाल सिंह अधिकारी ने समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया।जनप्रतिनिधियों ने स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती, हर घर नल योजना का लाभ, ग्राम पंचायतों के वार्ड सदस्यों और वन पंचायतों के सरपंचों को मानदेय दिलाने की मांग की। पंचायत प्रतिनिधियों ने कहा कि प्राथमिक और इंटर कॉलेजों में कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई पंचायत घर जीर्णशीर्ण हालत में है। गांवों में रास्ते बेहद खराब हैं।
बजट की कमी के कारण रास्तों को सुधारा नहीं जा रहा है। प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी/सीएचसी) में डॉक्टर तक नहीं हैं। इससे ग्रामीण परेशान हैं। इस दौरान प्रांतीय कार्यक्रम प्रबंधक कमला भट्ट, परियोजना समन्वयक पुष्कर बिष्ट, उर्मिला नोरियाल, पुष्पा बोरा, हिमांशु सती, प्रधान सुरेंद्र रावत, पूजा भंडारी, माया आर्या, विनोद महरा, कांता राना थे। प्राथमिक स्कूल ओलिया में वाईफाई लंबे समय से खराब है। गांव में पानी की किल्लत है। जल जीवन मिशन के तहत गांव में गुणवत्तापरक काम नहीं हो रहा है। गांव में जंगली जानवरों का आतंक रोकने की जरूरत है। – माया आर्या, प्रधान निरई।
गांव में सड़क नहीं बनी है। सड़क सुविधा का लाभ उठाने के लिए ग्रामीणों को दो से तीन किमी दूर मनान आना पड़ता है जिससे परेशानी होती है। बरसात में प्राथमिक स्कूल ककराड़ के भवन की छत से पानी टपक रहा है। – पूजा भंडारी, ककराड़।
गांव के छह तोकों में हर घर नल योजना के तहत कनेक्शन नहीं मिले हैं। ग्रामीण पुरानी लाइन से ही काम चला रहे हैं। सात तोकों में रहने वालों के लिए सिर्फ एक आशा है। बरगला, टाना, ढामुक में आंगनबाड़ी केंद्र नहीं हैं। – दया रावत, प्रधान लखनाड़ी।
क्षेत्र के अधिकतर गांवों में बंदर, सुअरों का आतंक बढ़ने से परेशान लोग खेती छोड़ पलायन कर रहे हैं। कई नहरें टूटने से फसलों की सिंचाई नहीं हो पा रही है। भैंसियाखाव में कोसी नदी पर पुल बनाने की जरूरत है। – कौशल्या बिष्ट, टाना सजोली।