बहुप्रतिक्षित जमरानी बांध परियोजना हल्द्वानी से लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में पानी का संकट दूर करने के लिए अहम है। लेकिन सरकारी सिस्टम की हीलाहवाली के चलते इसका काम शुरू होने में आ रही बाधाओं को अब तक पूरी तरह से दूर नहीं किया गया है। बांध निर्माण स्थल में वन भूमि हस्तांतरण की सैद्धांतिक मंजूरी काफी पहले हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार की अंतिम मंजूरी बाकी है। वहीं डूब क्षेत्र के लोगों के विस्थापन को दो साल से सरकार जमीन फाइनल नहीं कर पाई है। अब हल्द्वानी शहर में परियोजना के तहत बनने वाले ओवरहेड टैंकों के लिए जमीन का मामला फंस गया है।
जमरानी बांध से पानी लाकर शहर में वितरण के लिए योजना तैयार करने का काम पेयजल निगम को दिया गया है। जल निगम ने शहर में 9 स्थानों पर नए ओवरहेड टैंक बनाने के लिए जमीन न मिलने पर नगर निगम से मदद मांगी थी। लेकिन शहर की सबसे महत्वपूर्ण बॉडी नगर निगम ने दमुवाढूंगा आम्बेडकर पार्क, एबीसी केंद्र सहित तीन स्थानों पर निगम की फ्री होल्ड जमीनों पर एनओसी देने का मामला फंसा दिया है। 10 बाय 10 मीटर जमीन पर बनने वाले ओवरहेड टैंकों के लिए नगर निगम के अफसर फ्री में जमीन देने में पेंच फंसा रहे हैं। ऐसे में अन्य 6 स्थानों पर भी टैंक निर्माण को प्रस्ताव में शामिल करने का मामला फंसा हुआ है। निगम के अफसर बोर्ड बैठक में फ्री होल्ड जमीनों में ओवरहेड टैंक बनाने के लिए जमीन दिए जाने पर फैसला होने की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।
जमीनों के जंजाल में उलझी जमरानी बांध परियोजना
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