राज्यपाल उत्तराखंड, लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने पूर्व सैनिकों के साथ बैठक में कहा कि जो भी समस्या या चुनौती है, उसे चिह्नित करिये। उन्होंने कहा कि प्रत्येक समस्या का समाधान अवश्य निकलता है। उन्होंने कहा कि आपकी समस्या मेरी समस्या है तथा उसका कोई न कोई समाधान अवश्यक निकलेगा। शुक्रवार को डामकोठी में आयोजित बैठक में पूर्व सैनिकों ने राज्यपाल को समस्या तथा उनके निदान के संबंध में अपने सुझाव भी प्रस्तुत किए।
उन्होंने कहा कि किसी फौजी का फौजी से मिलने का एक अलग ही अहसास है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्रत्येक परिवार का एक सदस्य सेना में है। कभी-कभी हमें खुद मालूम नहीं होता है कि हममें क्या काबलियत है। इसलिए अपने काबलियत को पहचानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों-आर्गेनिक खेती, डेयरी उद्योग आदि में आपके नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा कई अन्य क्षेत्र आपके नेतृत्व का इंतजार कर रहे हैं, जरूरत उसे पहचानने की है। उन्होंने कहा कि इससे पहाड़ों से हो रहे पलायन पर भी रोक लगेगी।
डामकोठी में राज्यपाल ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। राज्यपाल ने कोविड के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए योगदान की सराहना की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने अनुभव उनके साथ सांझा किए। राज्यपाल ने कहा कि हमारे राष्ट्र की शक्ति आंगन में है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अपने क्षेत्र में कार्य करते हुए मैंने काफी करीब से देखा है तथा महिलाओं का हमारे समाज में काफी बड़ा योगदान है। कहा कि आंगनबाड़ी क्षेत्र में और क्या-क्या किया जा सकता है, कार्य करने में क्या-क्या चुनौतियां हैं, आदि के संबंध में अपने सुझाव प्रस्तुत करें तथा इसकी और बेहतरी के लिए कदम उठाए जा सकें। इसके राज्यपाल ने आशा वर्करों के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि आशा पर ही पूरा जीवन निर्भर है। उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने जिस तरह निःस्वार्थ भाव से, अपने जीवन की परवाह किए बगैर इंसानियत की सेवा की है, वह सराहनीय है। राज्यपाल ने रेडक्रास सोसायटी की घर-घर जाकर वैक्सीन लगाने वाली वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।