शंकराचार्य जयंती पर इस वर्ष हरिद्वार में सनातन धर्म के इतिहास की सबसे बड़ी धर्मसंसद आयोजित करने का निर्णय लिया गया है। यह बात जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व नाम वसीम रिजवी) की रिहाई के लिए हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर अनशन पर बैठे महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी महाराज और स्वामी अमृतानंद महाराज ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश धर्मसंसद के मुख्य आयोजक योगी ज्ञाननाथ व यति सत्यदेवानंद भी जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की रिहाई के लिए सर्वानंद घाट पर अनशन में डट गए हैं।
संत समाज की रक्षा में हिंदू समाज की कोई भूमिका नहीं
आदिगुरु शंकराचार्य की जयंती पर अयोजित होने वाली धर्म संसद के विषय में बताते हुए नरसिंहानंद गिरी महाराज ने कहा कि आज हिंदू समाज की संत समाज की रक्षा में कोई भूमिका नहीं है। भारत में जितनी भी आतंकवादी घटना होती हैं, उसमें शामिल आतंकवादियों के मुकदमे जमीयते उलमाए हिंद लड़ती है। फिर भी धर्मनिरपेक्षता के नाम पर तथाकथित सनातन धर्म के धर्मगुरु उन्हें अपने मंचों पर बुलाकर विश्वासघात करते हैं। हिंदू समाज दिशाविहीन होकर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों का विरोध नहीं कर पा रहा है और धीरे-धीरे सर्वनाश की ओर बढ़ रहा है। सनातन के महाविनाश के इन क्षणों में आज हिंदुओं का यह संशय दूर होना ही चाहिए। इस बार की धर्मसंसद इसी विषय को लेकर आयोजित की जाएगी, जिसमें सनातन धर्म के सभी जगतगुरुओं, तेरह अखाड़ों के प्रमुखों सहित प्रमुख धर्मगुरुओं को निमंत्रण दिया जाएगा।
पूरे देश के संतों को धर्मसंसद के लिये करेंगे आमंत्रित
उन्होंने कहा कि स्वामी अमृतानंद धर्मसंसद के मुख्य संयोजक होंगे जो पूरे देश में जाकर संतों को धर्मसंसद के लिये आमंत्रित करेंगे। वहीं उन्होंने कहा धर्मसंसद में देश के सभी प्रमुख हिंदूवादी कार्यकर्ताओं से भी भाग लेने का आग्रह किया जाएगा।
शंकराचार्य जयंती पर हरिद्वार में आयोजित होगी इतिहास की सबसे विशाल धर्मसंसद : यति नरसिंहानंद गिरी
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