काशीपुर/सुल्तानपुरपट्टी। बिल पास करने के एवज में एक फर्म के सुपरवाइजर से 26 हजार रुपये की रिश्वत लेते नगरपंचायत लिपिक को विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। पुलिस आरोपी लिपिक को अपने साथ हल्द्वानी ले गई है। प्रीत विहार कॉलोनी, रुद्रपुर निवासी ठेकेदार शमशाद यहां सुल्तानपुरपट्टी में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली एसोसिएट्स फर्म में सुपरवाइजर है। शमशाद ने कूड़ा कलेक्शन के लंबित बिलों के भुगतान के लिए नगरपंचायत लिपिक देवनाथ मिश्रा से संपर्क किया तो उसने बिल पास करने के एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। शमशाद ने कुछ रुपये लिपिक को देकर बकाया रकम बिल पास करने पर देने को कहा लेकिन देवनाथ बकाया 26 हजार रुपये और देने की जिद पर अड़ गया। इस संबंध में शिकायत पर एसपी विजिलेंस प्रहलाद मीणा ने एक ट्रैप टीम का गठन किया।
विजिलेंस के सीओ अनिल सिंह मनराल ने जांच में आरोप प्रथम दृष्टया सही पाए। बृहस्पतिवार को निरीक्षक चंचल शर्मा और विनोद यादव के नेतृत्व में विजिलेंस टीम सुल्तानपुरपट्टी नगर पंचायत पहुंची। टीम ने नोटों पर स्याही लगाकर ठेकेदार को दिए। ठेकेदार शमशाद ने कार्यालय में जाकर 26 हजार रुपये लिपिक देवनाथ मिश्रा को दिए। मिश्रा को टीम ने मौके से पकड़ लिया। आरोपी लिपिक से विजिलेंस टीम ने घंटों पूछताछ की। संतुष्ट होने पर टीम उसे हल्द्वानी ले गई है। निरीक्षक चंचल शर्मा ने बताया कि हल्द्वानी में आरोपी काशीपुर की केशवपुरम कॉलोनी निवासी देवनाथ मिश्रा के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। विवेचना निरीक्षक भानु प्रकाश आर्य को सौंपी गई है। विजिलेंस के एसपी ने ट्रैप करने वाली पुलिस टीम को दस हजार रुपये इनाम की घोषणा की है।
रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा नगरपंचायत का लिपिक
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