बदलते मौसम का असर उत्तराखंड में पेड़ पौधों पर भी दिखने लगा है। रामनगर के फलपट्टी क्षेत्र में फरवरी के पहले सप्ताह में आम और लीची के पेड़ों पर दिखने वाली बौर अब तक नहीं आई है। जबकि जंगलों में पतझड़ भी गिने चुने स्थानों पर हुआ है। मौसम और कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड और बारिश इस बदलाव की वजह हो सकती है। रामनगर के 900 हेक्टेयर क्षेत्र को फलपट्टी घोषित किया गया है। मौसम चक्र बदलने के कारण इस बार आम के पेड़ों पर बौर नहीं दिख रही है। जबकि बीते वर्षों में फरवरी के पहले सप्ताह में ही आम और लीची पर बौर दिखने लगता था। गर्मियां शुरू होते ही जंगलों में पतझड़ होने लगता है। लेकिन इस साल बहुत कम पतझड़ हो रहा है। बदलते मौसम का असर जंगल में दिख रहा है। फरवरी में सागौन सहित अन्य पेड़ों में काफी पतझड़ देखने को मिलता था। इस बार कुछ जगहों पर ही पतझड़ हुआ है। बारिश और ठंड की वजह से जमीन में नमी है। इससे ही वनाग्नि की घटनाएं नहीं हो रही हैं। बलवंत शाही, डीएफओ, तराई पश्चिम वन प्रभाग, रामनगर।
फरवरी में पेड़ पर बौर नहीं दिखना हैरत की बात है। इसका कारण अधिक ठंड और बारिश होना भी है। मौसम में गर्माहट बढ़ी तो जल्द ही बौर दिखने की संभावना है। एएस परवाल, प्रभारी, उद्यान विभाग, रामनगर
मौसम के बदलाव के कारण जंगलों में पतझड़ कम हो रहा है। आम और लीची के पेड़ों पर भी बौर नहीं आने का कारण मौसम ही है। डॉ.आरके सिंह, मौसम वैज्ञानिक, पंत विवि, पंतनगर।
बदलते मौसम का उत्तराखंड में पेड़ पौधों पर भी दिखने लगा असर,कृषि वैज्ञानिकों ने जताईं ये चिंताएं
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